देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की आज 100 वीं जयंती है. वाजपेयी एक कुशल नेता के साथ-साथ बेहतरीन वक्ता थे. भाषणों में उनका विशेष शैली और व्यक्तित्व झलकता था.उनके शब्दों में देशभक्ति, शांति, और प्रगति की अनूठी दृष्टि देखने को मिलती थी. हिंदी में उनके द्वारा दिए गए भाषण को आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं. तथ्यों के साथ आलोचना, व्यंग उनके भाषण की खूबियां रहती थी.
जब संसद में अटल बिहारी वाजपेयी ने 1984 के सिख दंगों के दौरान बीजेपी के एक सिख कार्यकर्ता के दर्द को बताया था तो पूरी संसद सन्न रह गयी थी.
आज सिंधु में ज्वार उठा है..,अटल बिहारी वाजपेयी की इस बेहतरीन कविता को सुनिए.
जब लोकसभा में लालू यादव ने ली थी चुटकी और अटल बिहारी वाजपेयी हो गए थे लोटपोट
अटल बिहारी वाजपेयी के वो भाषण, जो सदियों तक याद रखा जाएगा
मैं अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति महोदय को देने जा रहा हूं.., जब बहुमत नहीं मिलने के कारण अटल बिहारी वाजपेयी ने दे दिया था त्यागपत्र
This 43 sec of his speech alone is enough to define what a great man he was & his love for his country above anything else.
— Mastikhor 🤪 (@ventingout247) December 25, 2024
Birthday Wishes to the man who proved leadership is not about power but about purpose. 🫡🙏🏻
His legacy lives ❤️🇮🇳 #AtalBihariVajpayee pic.twitter.com/U2uynqHbYu
1977 में आपातकाल के बाद हुए चुनाव में इंदिरा गांधी की सरकार के हारने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था एतिहासिक भाषण.
Atal Ji's electrifying speech following Indira Gandhi's defeat in 1977 is a timeless reminder of why the BJP upholds the principle of "Nation First, Party Last."#AtalBihariVajpayee #atalbiharivajpayeeji pic.twitter.com/5AUhIZASEu
— The Frustrated Indian (@FrustIndian) December 25, 2024
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