नए साल का आगाज हो गया है. राजनीति के मोर्चे पर साल 2025 में काफी गहमा-गहमी रहने वाली है. नए साल की शुरुआत दिल्ली विधानसभा के चुनाव से होगी. इसी साल बिहार का विधानसभा चुनाव भी होना है. इन दो राज्यों के विधानसभा चुनाव के अलावा इस साल एक लोकसभा और छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी कराया जा सकता है. जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर सीट भी शामिल है. इस सीट पर उपचुनाव वहां से समाजवादी पार्टी के विधायक अवधेश प्रसाद के अयोध्या (फैजाबाद) का सांसद चुने जाने की वजह से कराया जाएगा.
कैसा है दिल्ली का दंगल
पहले बात करते हैं दिल्ली विधानसभा चुनाव की.इस केंद्र शासित राज्य में इस साल फरवरी तक विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसलिए इन दिनों दिल्ली में राजनीतिक सरगर्मियां जोर-शोर से चल रही हैं. वादों और दावों का दौर चल रहा है. बयानों से माहौल को गरमाया जा रहा है.कार्यकर्ताओं में जोश भरा जा रहा है. उम्मीद है कि नए साल में ये राजनीतिक सरगर्मियां और तेज होंगी.दिल्ली में पिछले तीन बार से आम आदमी पार्टी की सरकार है. विपक्षी बीजेपी और कांग्रेस आप की सरकार को सत्ता से हटाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं. वहीं अपनी सरकार को बनाए रखने के लिए आप के नेता और कार्यकर्ता जमकर पसीना बहा रहे हैं.
पिछले दो चुनावों में आप ने दिल्ली ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. उसने दिल्ली में करीब-करीब विपक्ष का सफाया कर दिया. साल 2015 के चुनाव में उसने 70 में से 67 सीटें जीत ली थीं. वहीं उसने 2020 के चुनाव में भी उसकी लोकप्रियता में बहुत कमी नहीं आई. उस चुनाव में वह 70 में से 63 सीटें जीतने में कामयाब रही. लेकिन 2024 आते-आते भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का चैंपियन बनीं यह पार्टी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिर गई. आज आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों से परेशान है. उसके संस्थापक से लेकर उपमुख्यमंत्री और मंत्री तक भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जा चुके हैं.सब जमानत पर छूट कर चुनाव के मैदान में ताल ठोकने जा रहे हैं. इन आरोपों से बचने और चुनाव जीतने के लिए आप ने कई जतन किए हैं. लेकिन उनका परिणाम क्या होगा, इसके लिए हमें चुनाव परिणाम आने तक इंतजार करना होगा.
वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी का मुख्य मुकाबला बीजेपी से है.बीजेपी पिछले करीब तीन दशक से दिल्ली की सत्ता से दूर है.एक बार फिर दिल्ली की सत्ता के लिए पुरजोर कोशिशें कर रही है. बीजेपी आप को भ्रष्टाचार के आरोपों पर ही घेर रही है.वह सीधे अरविंद केजरीवाल को निशाना बना रही है. साल खत्म होते-होते दिल्ली की राजनीति में धर्म की भी इंट्री हो गई. पुजारियों, इमामों और ग्रंथियों को मिलने वाली सम्मान राशि पर बीजेपी और आप आमने-सामने हैं. कांग्रेस दिल्ली की लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए उसने अपने बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतार दिया है.
दिल्ली का पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2020 में हुआ था.इस चुनाव में आम आदमी पार्टी ने विधानसभा की 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी को आठ सीटों से संतोष करना पड़ा था.कांग्रेस को कोई सफलता नहीं मिली थी. दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 15 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है.
किसके सिर होगा बिहार का ताज
इस साल अक्टूबर-नवंबर में बिहार विधानसभा के चुनाव कराए जाएंगे. बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं. बिहार में एनडीए बनाम इंडिया की लड़ाई है. बिहार में 2020 का विधानसभा चुनाव तीन चरणों में कराए गए थे. इस चुनाव में 243 में से 125 सीटें जीतर एनडीए सत्ता में आया था. वहीं राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और वाम दलों का विपक्षी महागठबंधन 110 सीटें ही जीत पाया था.जेडीयू नेता नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनाए गए. उनके मंत्रिमंडल में बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन अगस्त 2022 में टूट गया. नीतीश महागठबंधन में शामिल हो गए. इस सरकार में नीतीश मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बनाए गए. लेकिन जनवरी 2024 में एक बार फिर नीतीश कुमार ने गठबंधन पाला बदल लिया. उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर फिर सरकार बनाई.
बिहार में इस साल होने वाले चुनाव में भी मुकाबला एनडीए और महागठबंधन का ही है. लेकिन नीतीश कुमार के फिर पाला बदलने की खबरों ने बिहार का राजनीतिक माहौल को एक बार गरमा दिया है. आरजेडी ने महिलाओं के लिए नगद राशि की घोषणा कर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड वाली राजनीति को बिहार में ला दिया है.हालांकि नीतीश कुमार की सरकार पहले से ही महिलाओं के लिए कई योजनाएं चला रही है. इस सबके बीच एक बार फिर बिहार की लड़ाई काफी रोमांचक रहने वाली है.
उपचुनाव कहां कहां होने हैं
दिल्ली और बिहार के विधानसभा चुनाव के साथ-साथ इस साल लोकसभा की और विधानसभा की छह के लिए उपचुनाव भी कराया जा सकता है. जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें उत्तर प्रदेश की एक, जम्मू कश्मीर की दो और गुजरात, केरल और तमिलनाडु विधानसभा की एक-एक सीट शामिल हैं.
पश्चिम बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट पर इस साल उपचुनाव हो सकता है.बशीरहाट से तृणमूल सांसद हाजी नुरुल इस्लाम का 25 सितंबर 2024 को कैंस से निधन हो गया था. इस वजह से वहां उपचुनाव होना है.अदालत में एक याचिका लंबित होने की वजह से चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव के साथ इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं की थी. पिछले साल के शुरू में जिस संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मामला गरमाया, वह इसी बशीरहाट लोकसभा सीट के तहत ही आता है.
मिल्कीपुर का मुकाबला
इस साल अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव कराया जा सकता है. यह सीट अयोध्या (फैजाबाद) लोकसभा सीट में आती है. लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट का परिणाम काफी चर्चा में रहा. इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने बीजेपी को करारी हार दी थी. सपा ने इस सामान्य सीट से अनुसूचित जाति के अवधेश प्रसाद को टिकट दिया था. अवधेश प्रसाद की जीत और अयोध्या में बीजेपी की हार ने पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरी थी.
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