- असम के तिनसुकिया में पुलिस ने मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है
- मुख्य आरोपी दीपक फुकन को ग्रामीणों ने नाबालिगों को तस्करी करते हुए पकड़कर पुलिस के हवाले किया था
- गिरफ्तार आरोपियों में उमाकांत छेत्री, बॉबी देवरी सोना, रोहित खादल, पीटर सबाशी और अजीत मुंडा शामिल हैं
असम के तिनसुकिया में बुधवार को पुलिस ने एक मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस सिलसिले में तिनसुकिया पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार करने में भी सफलता हासिल की है. यह लोग चाय बागान में काम करने वाले मजूदरों को निशाना बनाते थे. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दीपक फुकन, उमाकांत छेत्री, बॉबी देवरी सोना, रोहित खादल, पीटर सबाशी और अजीत मुंडा के रूप में हुई है.
सूत्रों के अनुसार, दीपक फुकन को बुधवार को पेंगेरी थाना अंतर्गत दुआरमारा सिंगपो गांव के ग्रामीणों ने उस समय पकड़ा जब वह पास के एक चाय बागान से दो नाबालिगों को ले जाने की कोशिश कर रहा था.
मुख्य आरोपी की पुलिस को तलाश
ग्रामीणों ने बाद में दीपक फुकन को पेंगेरी पुलिस के हवाले कर दिया. पूछताछ के बाद, पुलिस ने इस मामले में उमाकांत, बॉबी, रोहित, पीटर और अजीत को गिरफ्तार कर लिया. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 143(5)/3(5) के तहत पेंगेरी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.
मुख्य आरोपी पीटर सोना फिलहाल फरार है. पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. सूत्रों ने बताया कि मानव तस्कर ऊपरी असम के चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों को निशाना बना रहे हैं.
चाय बागानों में सक्रिय गिरोह: सूत्र
एक सूत्र ने बताया, "मानव तस्करी के ज्यादातर मामले तिनसुकिया के डूमडूमा इलाके से सामने आए हैं. यह गिरोह चाय बागानों में सक्रिय है और गरीब चाय बागानों के मजदूरों को निशाना बना रहा है."
उन्होंने आगे कहा, "चाय बागानों से बच्चों की तस्करी की जाती है और उन्हें घरेलू काम के लिए अरुणाचल प्रदेश ले जाया जाता है. अरुणाचल प्रदेश में मजदूरों की भारी कमी है."
एक पुलिस सूत्र ने बताया, "ज्यादातर हम इन बच्चों को अरुणाचल प्रदेश से छुड़ाते हैं. ऊपरी असम के चाय बागानों में एक बड़ा गिरोह सक्रिय है और कई बिचौलिए स्थानीय लोग हैं जो मानव तस्करी के नेटवर्क से जुड़े हैं."
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