इन दिनों न्यूयॉर्क सिटी के नए मेयर जोहरान ममदानी की चर्चा अमेरिका से लेकर भारत में भी खूब हो रही है. वह न्यूयॉर्क सिटी के पहले भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम और सबसे युवा मेयर हैं. जिसके चलते उनकी चर्चा हर ओर हो रही है. जोहरान ममदानी का संबंध केवल भारत से नहीं बल्कि भारतीय सिनेमा से भी रहा है. दरअसल उनकी मां मीरा नायर बॉलीवुड की मशहूर फिल्ममेकर में से एक रही है. उन्होंने कई फिल्मों से काफी सुर्खियां बटोरी हैं. उन्हीं में से फिल्म कामसूत्र: अ टेल ऑफ लव है. कामसूत्र: अ टेल ऑफ लव साल 1996 में आई थी, जो उस वक्त के हिसाब से काफी बोल्ड फिल्म थी, जिसके चलते इस फिल्म को विवादों का सामना भी करना पड़ा था.
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अब जोहरान ममदानी के मेयर बनने के बाद उनकी मां मीरा नायर की फिल्म कामसूत्र: अ टेल ऑफ लव के वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं. लोग उनकी स्पीच या नीतियों की बजाय उनकी मां मीरा नायर की फिल्म कामसूत्र: अ टेल ऑफ लव के सीन सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. मीरा नायर की यह फिल्म अपने समय में भारत में बैन हो गई थी, लोग इसे भूल चुके थे. लेकिन अब, लगभग 30 साल बाद, उनके बेटे की राजनीतिक जीत ने इस फिल्म को सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना दिया है.
The day I watched Mira Nair's 1996 film, ‘Kama Sutra: A Tale of Love' will always be the day time stood still for me. pic.twitter.com/el3MxtGeXE
— jagdish (@888_8887) July 1, 2023
1996 में रिलीज हुई कामसूत्र मीरा नायर की सबसे साहसी फिल्म थी. इस फिल्म में 16वीं सदी के भारत की कहानी कही गई थी, जिसके अंदर प्यार, ईर्ष्या और रोमांस को दिखाया गया था. मुख्य किरदार माया (इंदिरा वर्मा) एक नौकरानी है, जिसकी दोस्ती राजकुमारी तारा (सरिता चौधरी) से है. दोनों के बीच दर्जे का फर्क है. तारा माया को अपने पुराने कपड़े देती है, लेकिन माया की खूबसूरती सबको परेशान करती है. गुस्से में माया तारा के होने वाले पति को बहका देती है. इसके बाद माया को महल से निकाल दिया जाता है. फिर वो एक वेश्या गुरु (रेखा) से रोमांस और आत्मनिर्भरता के राज सिखाती है. राजा राज सिंह (नवीन एंड्र्यूज) और मूर्तिकार जय कुमार (रमन टिकराम) के साथ इनकी जिंदगी एक दुखद प्रेम में बदल जाती है.
मीरा नायर की इस फिल्म की सिनेमाटोग्राफी शानदार, कपड़े और सेट लाजवाब हैं. यह औरत की आजादी, शरीर और इच्छा की कहानी को दिखाने की कोशिश करती है. मीरा नायर हमेशा पहचान, सेक्सुअलिटी और अपनेपन पर फिल्में बनाती रही हैं. 90 के दशक में लोग इसे स्वीकार नहीं कर पाए, जिसके चलते इस फिल्म को विवादों का सामना करना पड़ा था.
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