असम सरकार (Assam Government) के विरोध में राज्य विधानसभा परिसर (Assam Assembly Premises) में अपनी कलाई काटने वाले कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी (Congress MLA Rupjyoti Kurmi) ने बुधवार को इसके लिए लिखित रूप में माफी मांगी है. जोरहाट जिले की मरियानी विधानसभा सीट से विधायक कुर्मी ने मंगलवार को ब्लेड से अपनी कलाई काट ली थी और राज्य सरकार पर बंद पड़ी कंपनियों को बेचने का आरोप लगाते हुए खून से अपनी बात लिख विरोध जताया था. कुर्मी ने बुधवार को विधानसभा में माफी मांगते हुए कहा कि राज्य सरकार के समक्ष विरोध दर्ज कराने का यह उचित तरीका नहीं था. हालांकि, वह इस बात पर कायम हैं कि डिब्रूगढ़ स्थित नगांव और चाचर पेपर मिल, ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड, हलमारी चाय बागान और करीमगंज जिले में स्थित अइलाबाड़ी चाय बागान को बेचने के कदम पर उनका विरोध महत्वपूर्ण है.
विधानसभा अध्यक्ष हितेश गोस्वामी (Hitesh Goswami) ने कहा कि मंगलवार को इस मुद्दे पर उनके चेंबर में नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया (Debabrata Saikia) और संसदीय कार्यमंत्री चंद्र मोहन (Chandra Mohan) के साथ हुई बैठक में कुर्मी ने अपना माफी पत्र दिया है. बता दें कि कलाई काटे जाने की वजह से कुर्मी की कलाई पर तीन टांके लगाने पड़े हैं. बाद में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि वह असम सरकार को राज्य के भविष्य को बेचने नहीं देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘असम में स्थित ये परिसंपत्तियां राज्य के सम्मान से जुड़ी हुई हैं, ये लोगों के रोजगार और राज्य के भविष्य के लिए हैं, वे इन्हें बेचने नहीं देंगे.''
इस मुद्दे को जब सदन में उठाया गया तो कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक-दूसरे पर जमकरआरोप लगाए. नेता प्रतिपक्ष सैकिया ने कहा कि वह कुर्मी के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे और कांग्रेस विधायक की ओर से सदन के बाहर किए गए कृत्य के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. गौरतलब है कि विधायक कुर्मी ‘‘अजीबोगरीब'' और ‘‘गैर पंरपरागत'' प्रदर्शनों के लिए जाने जाते हैं. इससे पहले प्याज की बढ़ती कीमत के विरोध में सब्जियों की माला पहन वह विधानसभा के प्रवेश द्वार पर लेट गए थे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं