राजस्थान दिवस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 355 ब्लॉकों में फैले 33 जिलों में सरकारी योजनाओं के दो लाख से अधिक लाभार्थियों के एक विशिष्ट समूह के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश की. गहलोत ने सोशल मीडिया, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और व्यक्तिगत बैठक के जरिए पूरे राजस्थान में दो लाख से अधिक लोगों से सीधे जुड़कर उनसे अपनी सामाजिक कल्याण योजनाओं पर प्रतिक्रियाएं लीं.
सरकारी योजनाओं में चिरंजीवी बीमा योजना भी शामिल है जिससे किफायती स्वास्थ्य बीमा मिलता है. इसके अलावा स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक, शहरी गरीबों के लिए रोजगार योजना, किसानों के लिए योजनाएं और बिजली और गैस पर सब्सिडी देने की सरकार की योजनाएं हैं.
राजस्थान सरकार ने इस साल के अंत में होने वाले चुनाव से पहले लोगों का समर्थन जुटाने की कोशिश तेज कर दी है. कांग्रेस गहलोत सरकार की ओर से सामाजिक कल्याण के लिए किए गए उपायों के जरिए राज्य में घूम जाने वाले राजनीति के दरवाजे को रोकने की उम्मीद कर रही है.
अशोक गहलोत ने लाभार्थियों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, "हम प्रतिक्रिया ले रहे हैं क्योंकि सरकारी योजनाओं को लागू करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है."
प्रमुख कार्यक्रम बीमा योजना है, जिससे 1.4 लाख परिवार जुड़े चुके हैं. हाल ही में बीमा कवर को बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है. सरकार को उम्मीद है कि यह योजना गेम-चेंजर साबित होगी क्योंकि इससे बीमार लोगों को निजी अस्पतालों में भी इलाज कराने की सुविधा मिलती है.
भगवान महावीर कैंसर अस्पताल में इलाज करा रहे कैलाश जांगिड़ ने कहा, "मेरे बेटे को ब्लड कैंसर था. उसके इलाज पर 11 लाख रुपये खर्च होने थे, उसका इलाज कराया. इसके लिए बीमा से भुगतान किया गया."
दिल के मरीज रामजीलाल ने कहा, "मुझे दिल का दौरा पड़ा. मैं एक निजी अस्पताल में भर्ती हुआ. सरकारी योजना के तहत एक निजी अस्पताल में मेरा इलाज किया गया."
लेकिन निजी अस्पतालों से कुछ शिकायतें आई हैं कि बीमा का भुगतान समय पर नहीं किया जाता है. हालांकि राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री प्रसादी लाल मीणा ने कहा कि बीमा योजना के तहत सभी भुगतान 21 दिनों के भीतर किए जाते हैं.
सभी को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में राज्य सरकार का अगला कदम स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक है.
राजस्थान में निजी डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से सरकार को परेशानी हुई है. परीक्षा पेपर लीक मामला और कानून व्यवस्था के मामलों के अलावा बीजेपी अब इस मुद्दे पर भी गहलोत सरकार को निशाने पर लेने की योजना बना रही है.
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