
पी चिदम्बरम ने NDTV से कहा, "मुझे नहीं लगता, संविधान में LG को सुप्रीम शक्ति बनाया गया है..."
नई दिल्ली:
उपराज्यपाल, यानी LG को ही 'दिल्ली का बॉस', यानी प्रशासनिक मुखिया बताने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने स्टार वकील, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदम्बरम का नाम तय किया है. चिदम्बरम उन नौ वकीलों में से एक होंगे, जो पांच जज वाली संविधान पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार का पक्ष रखेंगे.
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से सरकार के अधिकारों के मामले में पी चिदम्बरम पेश होंगे. उन्होंने NDTV से इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता, संविधान में LG को सुप्रीम शक्ति बनाया गया है, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार कतई शक्तिहीन इकाई है..."
यह भी पढ़ें : अरविंद केजरीवाल को ज़ोरदार झटका, SC ने भी LG को ही माना 'दिल्ली का बॉस'
दिल्ली सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व गृहमंत्री के रूप में पी चिदम्बरम खासतौर पर दिल्ली सरकार बनाम केंद्र सरकार के मामले में जानकार साबित होंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्री के रूप में चिदम्बरम के कामकाज को लेकर अरविंद केजरीवाल के राजनैतिक रूप से किए हमले मामले को कुछ अजीब नहीं बना देंगे, प्रवक्ता ने कहा, "वह (पी चिदम्बरम) सच्चे प्रोफेशनल हैं..."
भ्रष्टाचार-विरोधी कार्यकर्ता के रूप में अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर उस समय हमले किए थे, जब कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार सत्तारूढ़ थी, और उन्होंने चिदम्बरम पर भी आरोप लगाए थे. अब दिल्ली कांग्रेस के नेताओं इस समय चिदम्बरम की ही मदद मांगे जाने को लेकर केजरीवाल पर कटाक्ष भी किए हैं. पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक ट्वीट में कहा, "चिदम्बरम जी को सबसे भ्रष्ट और जनविरोधी बताने के बाद बेशर्म AAP उनकी सेवाएं हासिल करना चाहती है... क्या अरविंद केजरीवाल उन्हें केस के बारे में जानकारी देने गए थे...?"
यह भी पढ़ें : दिल्ली सरकार बनाम LG मामला : केजरीवाल को SC से सकारात्मक नतीजे की आशा
बहरहाल, वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह का कहना है, "यह बहुत अच्छी बात है कि वह (पी चिदम्बरम) प्रस्तुत हो रहे हैं, और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है..." उन्होंने बताया कि पी चिदम्बरम पहले भी संसदीय सचिवों की नियुक्ति जैसे संवैधानिक मामलों में केजरीवाल सरकार को सलाह दे चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई गुरुवार को शुरू हो चुकी है. इंदिरा जयसिंह भी उन शीर्ष वकीलों में से एक हैं, जो दिल्ली सरकार की ओर से पक्ष रखेंगी. अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से पेश होने वाले अन्य जाने-माने वकीलों में गोपाल सुब्रह्मण्यम तथा राजीव धवन शामिल हैं. गुरुवार को AAP सरकार की ओर से गोपाल सुब्रह्मण्यम प्रस्तुत हुए थे, और सुनवाई की अगली तारीख, यानी मंगलवार को पी चिदम्बरम के प्रस्तुत होने की संभावना है.
VIDEO: LG के खिलाफ अधिकारों के मामले में अरविंद केजरीवाल सरकार को SC से बड़ा झटका
इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश होने वाले नाम इतने बड़े दिखाई नहीं देते. सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार द्वारा इसी माह इस्तीफा दे दिए जाने के बाद विधि अधिकारी मनिंदर सिंह सरकार की ओर से प्रस्तुत हुए थे. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल भी मामले में प्रस्तुत नहीं हुए, क्योंकि वह पहले आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से सरकार के अधिकारों के मामले में पी चिदम्बरम पेश होंगे. उन्होंने NDTV से इस बात की पुष्टि करते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता, संविधान में LG को सुप्रीम शक्ति बनाया गया है, और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार कतई शक्तिहीन इकाई है..."
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दिल्ली सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व गृहमंत्री के रूप में पी चिदम्बरम खासतौर पर दिल्ली सरकार बनाम केंद्र सरकार के मामले में जानकार साबित होंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्री के रूप में चिदम्बरम के कामकाज को लेकर अरविंद केजरीवाल के राजनैतिक रूप से किए हमले मामले को कुछ अजीब नहीं बना देंगे, प्रवक्ता ने कहा, "वह (पी चिदम्बरम) सच्चे प्रोफेशनल हैं..."
भ्रष्टाचार-विरोधी कार्यकर्ता के रूप में अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर उस समय हमले किए थे, जब कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार सत्तारूढ़ थी, और उन्होंने चिदम्बरम पर भी आरोप लगाए थे. अब दिल्ली कांग्रेस के नेताओं इस समय चिदम्बरम की ही मदद मांगे जाने को लेकर केजरीवाल पर कटाक्ष भी किए हैं. पूर्व राष्ट्रपति डॉ प्रणब मुखर्जी की पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक ट्वीट में कहा, "चिदम्बरम जी को सबसे भ्रष्ट और जनविरोधी बताने के बाद बेशर्म AAP उनकी सेवाएं हासिल करना चाहती है... क्या अरविंद केजरीवाल उन्हें केस के बारे में जानकारी देने गए थे...?"
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बहरहाल, वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह का कहना है, "यह बहुत अच्छी बात है कि वह (पी चिदम्बरम) प्रस्तुत हो रहे हैं, और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है..." उन्होंने बताया कि पी चिदम्बरम पहले भी संसदीय सचिवों की नियुक्ति जैसे संवैधानिक मामलों में केजरीवाल सरकार को सलाह दे चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई गुरुवार को शुरू हो चुकी है. इंदिरा जयसिंह भी उन शीर्ष वकीलों में से एक हैं, जो दिल्ली सरकार की ओर से पक्ष रखेंगी. अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से पेश होने वाले अन्य जाने-माने वकीलों में गोपाल सुब्रह्मण्यम तथा राजीव धवन शामिल हैं. गुरुवार को AAP सरकार की ओर से गोपाल सुब्रह्मण्यम प्रस्तुत हुए थे, और सुनवाई की अगली तारीख, यानी मंगलवार को पी चिदम्बरम के प्रस्तुत होने की संभावना है.
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इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश होने वाले नाम इतने बड़े दिखाई नहीं देते. सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार द्वारा इसी माह इस्तीफा दे दिए जाने के बाद विधि अधिकारी मनिंदर सिंह सरकार की ओर से प्रस्तुत हुए थे. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल भी मामले में प्रस्तुत नहीं हुए, क्योंकि वह पहले आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.
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