सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ( फाइल फोटो )
नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर में वार्ताकार नियुक्त करने का सेना के ऑपरेशनों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जनरल रावत से सवाल पूछा गया था कि क्या वार्ताकार की नियुक्ति का सेना के ऑपरेशनों पर कोई असर होगा. जवाब में जनरल रावत ने कहा कि यदि एक लाइन में आपकी बात का जवाब दूं तो-- नो. सरकार ने उन्हें नियुक्त किया है, उन्हें अपना काम करने दीजिये.
सेना प्रमुख ने कश्मीर में कट्टरपंथ की समस्या के लिए सोशल मीडिया को ठहराया जिम्मेदार
सेना प्रमुख ने दावा किया कि राज्य के हालात में सुधार आया है. जनरल रावत ने कहा कि जनवरी में आपने पूछा था कि क्या हम कश्मीर को खो चुके हैं. अब आप स्वयं देखिये और इसका उत्तर दीजिये. सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि राज्य में घुसपैठ में कमी आई है.
वीडियो : सरहद पार की तो जमीन में गाड़ देंगे
जनरल रावत ने कहा कि सिर्फ सीमा पर ही नहीं बल्कि अंदरखाने भी सुरक्षा की चुनौतियां हैं. हमारे प्रतिष्ठानों पर उरी और पठानकोट जैसे हमलों की तैयारियों के इनपुट मिलते रहते हैं. ऐसे हमले रोकने के लिए खुफिया तंत्र और तकनीक में आपसी समन्वय होना ज़रूरी होता है. इसके लिए हमें अपनी तैयारियां दुरुस्त रखनी होंगी.
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जनरल रावत ने कहा कि सिर्फ सीमा पर ही नहीं बल्कि अंदरखाने भी सुरक्षा की चुनौतियां हैं. हमारे प्रतिष्ठानों पर उरी और पठानकोट जैसे हमलों की तैयारियों के इनपुट मिलते रहते हैं. ऐसे हमले रोकने के लिए खुफिया तंत्र और तकनीक में आपसी समन्वय होना ज़रूरी होता है. इसके लिए हमें अपनी तैयारियां दुरुस्त रखनी होंगी.
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