पुरातत्वविदों ने ओडिशा के पुरी जिले में स्थित एक मंदिर में 170 साल पुराने एक दुर्लभ काष्ठ अभिलेख का पता लगाया है. इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरीटेज (आईएनटीएसीएच) की तीन सदस्यीय एक टीम ने दया-रत्नचिरा नदी घाटी में स्थित देलांग क्षेत्र में पुरातात्विक अवशेष के सर्वेक्षण के दौरान इसका पता लगाया. गैर लाभकारी संगठन के परियोजना समन्वयक अनिल धीर ने बताया कि करीब 170 साल पुराना काष्ठ अभिलेख खुर्दगडा किले के पास स्थित हरीराजपुर गांव स्थित पश्चिम सोमनाथ मंदिर में पाया गया. यह स्थान भोई राजवंश की राजधानी था.
टीम के दो अन्य सदस्य दीपक कुमार नायक और विक्रम नायक हैं. दीपक ने कहा कि अभिलेख में लिखा हुआ है कि मंदिर का निर्माण रामचंद्र देव तृतीय के शासन के 44वें वर्ष में किया गया था. यह मंदिर उस स्थान के नजदीक स्थित है जहां उत्कल विश्वविद्यालय के एक दल ने खुदाई कर कुछ वर्ष पहले दो नर कंकाल और पुरातात्विक सामग्री ढूंढी थी. ये चीजें इलाके में बस्तियों के काफी पहले बसने को प्रमाणित करती हैं.
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