एआर रहमान ने गौरी लंकेश की हत्या के मामले पर शनिवार को कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
नई दिल्ली:
प्रसिद्ध संगीतकार एआर रहमान ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या संबंधी सवाल के जवाब में शनिवार को केवल इतना कहा कि वह कोई बुद्धिजीवी नहीं हैं और खुद को इस मामले में एक साधारण व्यक्ति की तरह से देखते हैं.
दिल्ली में आयोजित होने वाले ‘ सूफी रूट’ कार्यक्रम के संबंध में एक संवाददाता सम्मेलन में एआर रहमान ने यह बात कही. समारोह का आयोजन दिल्ली के कुतुब मीनार में 18 नवंबर 2017 को किया जाएगा.
यह भी पढ़ें : ए.आर. रहमान ने कहा, यह मेरा भारत नहीं!
इस संवाददाता सम्मेलन में संगीत समारोह पर चर्चा के अलावा रहमान किसी अन्य विषय पर टिप्पणी करने से बचते दिखे. गौरी लंकेश की हत्या के बाद दिए गए अपने बयान के बाद आज वह कोई भी अन्य प्रतिक्रिया देने से कतराते रहे. उन्होंने कल कहा था कि यह उनका भारत नहीं है. आज इस संबंध में प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह कोई बुद्धिजीवी नहीं हैं, वह खुद को इस तरह के मामलों में एक साधारण व्यक्ति की तरह देखते हैं.
VIDEO : रहमान के खिलाफ फतवा
लंदन में उनके संगीत समारोह से लोगों के लौट जाने की घटना का संदर्भ देते हुए पूछे गए एक दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत भाषाओं और संस्कृति के मामले में बहुत समृद्ध है. असल में यही कारण है कि भारत एक मुश्किल देश है लेकिन आज के समय में यही विशिष्टता और उसकी स्वीकार्यता काम भी आती है. इस समारोह में कथित रूप से उनके द्वारा तमिल संगीत ज्यादा गाए जाने की वजह से कई लोग लौट गए थे.
(इनपुट भाषा से)
दिल्ली में आयोजित होने वाले ‘ सूफी रूट’ कार्यक्रम के संबंध में एक संवाददाता सम्मेलन में एआर रहमान ने यह बात कही. समारोह का आयोजन दिल्ली के कुतुब मीनार में 18 नवंबर 2017 को किया जाएगा.
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इस संवाददाता सम्मेलन में संगीत समारोह पर चर्चा के अलावा रहमान किसी अन्य विषय पर टिप्पणी करने से बचते दिखे. गौरी लंकेश की हत्या के बाद दिए गए अपने बयान के बाद आज वह कोई भी अन्य प्रतिक्रिया देने से कतराते रहे. उन्होंने कल कहा था कि यह उनका भारत नहीं है. आज इस संबंध में प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह कोई बुद्धिजीवी नहीं हैं, वह खुद को इस तरह के मामलों में एक साधारण व्यक्ति की तरह देखते हैं.
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लंदन में उनके संगीत समारोह से लोगों के लौट जाने की घटना का संदर्भ देते हुए पूछे गए एक दूसरे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत भाषाओं और संस्कृति के मामले में बहुत समृद्ध है. असल में यही कारण है कि भारत एक मुश्किल देश है लेकिन आज के समय में यही विशिष्टता और उसकी स्वीकार्यता काम भी आती है. इस समारोह में कथित रूप से उनके द्वारा तमिल संगीत ज्यादा गाए जाने की वजह से कई लोग लौट गए थे.
(इनपुट भाषा से)