पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से देश में गुस्से का माहौल है. लोग सरकार से इस हमले का बदला लेने की मांग कर रहे है.लोगों की मांग है कि हमलावरों और हमले की साजिश रचने वालों को सबक सिखाया जाए. इसके बाद से सरकार भी हरकत में है.दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठकों का दौर जारी है. सरकार ने सेना को हमले का तरीका, जगह और समय चुनने की छूट दे दी है. इस बीच सरकार ने सोमवार को फैसला किया कि बुधवार को देश के 244 जिलों में हवाई हमलों से बचने की मॉक ड्रिल कराई जाएगी. इन सबको देखते हुए एनडीटीवी ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी से बात की. उन्होंने बताया कि सरकार तैयारी कर रही है और हमलावरों और उसकी साजिश रचने वालों को करारा जवाब देने के लिए सरकार तैयार है.
कब लिया जाएगा पहलगाम हमले का बदला
एनडीटीवी से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के जरिए जो कायराना हरकत कराई गई है, उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी व्यथित हैं. उन्होंने बिहार की धरती मधुबनी से दुनिया को संदेश दिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने मधुबनी से 70 शब्दों के अंग्रेजी संदेश में दुनिया को बताया कि पहलगाम हमला जिन्होंने किया है और जिन्होंने करवाया है, उनपर हम ऐसा हमला करेंगे कि उनको भी इस बात की कल्पना नहीं होगी कि उनके साथ ऐसा हो सकता है.
कब होगा प्रहार, इस सवाल के जवाब में माझी ने कहा कि कोई भी काम सिस्टमैटिक तरीके से होता है, जल्दबाजी में कोई काम नहीं होता है. इसलिए पहले सिंधु जल समझौते को स्थगित करने के अलावा कई और कदम उठाए गए हैं. इसका मकसद दुश्मन को कमजोर करना है.उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सेना को कार्रवाई करने की खुली छूट दी गई है. सेना को कह दिया गया है कि जहां भी, जब भी और जैसे भी उसे जवाब देना है, वह जवाब देने के लिए स्वतंत्र है.
क्यों कराई जा रही है मॉक ड्रिल
उन्होंने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले दो-तीन देश पाकिस्तान के साथ आ गए हैं. ऐसे स्थिति में अगर युद्ध होगा तो हवाई हमला भी होगा. हवाई हमले के समय कैसे अपना बचाव करें, इसकी मॉक ड्रिल करवाई जा रही है.मॉक ड्रिल से अवाम को भी सचेत किया जा रहा है ताकि लोगों को कम से कम नुकसान पहुंचे. उन्होंने कहा कि इस समय प्रधानमंत्री मोदी बहुत ही करारा जवाब देने की स्थिति में हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने जो कहा है, उसे निश्चित रूप से पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोग तो तुरंत कार्रवाई की उम्मीद में हैं, लेकिन जो सत्ता में रहता है, वह हर चीज को ध्यान में रखता है. वह देखता है कि दुश्मन को धीरे-धीरे कैसे कमजोर किया जाए और लोगों को कैसे मोबलाइज किया जाए.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र समेत दर्जनों दूसरे देश भी भारत के समर्थन में आगे आए हैं. अब स्थिति परिपक्व होने को आया है, कभी भी कुछ हो सकता है. हमला कब होगा इस सवाल के जवाब में कहा कि यह रक्षा का मामला है, ऐसे में इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.
जातीय जनगणना पर क्या बोले जीतन राम मांझी
जातीय जनगणना के सवाल पर मांझी ने कहा कि आज से एक डेढ़-साल पहले बिहार के राजनीतिक दलों के लोगों ने जातीय जनगणना की मांग को लेकर पीएम मोदी से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि इस बातचीत में पीएम मोदी ने जातीय जनगणना कराने से इनकार नहीं किया था. उन्होंने कहा था कि इस मामले को हम देख रहे है. उन्होंने कहा था कि अगर राज्य चाहते हैं तो ऐसा करवा सकते हैं. इसके बाद नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में जातीय सर्वेक्षण करवाया और कुछ दूसरे राज्य भी करवा रहे हैं.
मांझी ने कहा कि जातीय जनगणना का फैसला एक ऐतिहासिक फैसला है. उन्होंने कहा कि जिसकी जितनी भागीदारी, मिले उसे उतनी हिस्सेदारी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कम संख्या में होने के बाद भी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से पूरा लाभ ले लिया. लेकिन समाज का 70-80 फीसदी हिस्सा इस लाभ से वंचित है. उन्होंने कहा कि इस अन्याय को बर्दाश्त करना मुश्किल था. उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए ही प्रधानमंत्री मोदी ने जनगणना के साथ जातियों की गणना करवाने का फैसला लिया.
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