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This Article is From Feb 22, 2020

केरल के बिशप फ्रेंको मुलक्कल पर एक और नन का आरोप- 'सेक्स संबंधी टिप्पणी की, मुझे चूमा'

नन का आरोप - मैंने शुरू में एक दोस्त की तरह कॉल करना शुरू किया. लेकिन 2015 के अंत से बिशप ने यौन संबंधी मकसद के साथ बात करना शुरू कर दिया

केरल के बिशप फ्रेंको मुलक्कल पर एक और नन का आरोप- 'सेक्स संबंधी टिप्पणी की, मुझे चूमा'
बिशप फ्रेंको मुलक्कल (फाइल फोटो).
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
चर्च से बेदखल होने के डर से इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई
रात में कमरे में बुलाया और बात करने के बाद गले लगाकर चूमा
फ्रेंको मुलक्कल बिशप थे इसलिए घटना के बारे में किसा को नहीं बताया
तिरुवनंतपुरम:

केरल में बलात्कार के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल की डिस्चार्ज याचिका पर सुनवाई से एक दिन पहले उसके खिलाफ गवाहों में से एक गवाह नन का बयान लीक हो गया है. इस मामले की 14 वीं गवाह नन ने आरोप लगाया है कि फ्रेंको मुलक्कल ने फोन कॉल, मैसेज और वीडियो कॉल करके यौन संबंधी टिप्पणी की थी और उसने उसे अनुचित रूप से छुआ भी था. बयान में नन ने यह भी कहा है कि वह बिशप से डर गई थी कि कहीं उसे समूह से बाहर न निकाल दिया जाए.

इस 35 वर्षीय नन ने 19 सितंबर 2018 को अपने बयान में पुलिस को बताया था कि “मैं बिहार में 2015 में पहली बार बिशप फ्रैंको मुलक्कल से मिली… मैंने कॉन्वेंट की अलग-अलग जरूरतों के लिए कई बार बिशप को फोन करके बुलाया. हमारे बीच नियमित रूप से बातचीत शुरू हो गई. 2015 से 2017 तक हमारे बीच फोन पर बात की. हमने व्हाट्सऐप पर चैट किया और वीडियो कॉल किए. मैंने शुरू में एक दोस्त की तरह कॉल करना शुरू किया. लेकिन 2015 के अंत से बिशप ने यौन संबंधी मकसद के साथ बात करना शुरू कर दिया. इससे मुझे घृणा और मानसिक पीड़ा हुई."

नन ने अपने बयान में कहा है कि "लेकिन बिशप ने यौन टिप्पणियां जारी रखीं... और उसके और मेरे शरीर के अंगों के बारे में वर्णन के साथ वीडियो कॉल करना शुरू कर दिया... चूंकि वह बिशप का डायसिस था, मैं इसके खिलाफ कुछ भी नहीं बता सकती थी. मुझे सेक्स में कोई दिलचस्पी नहीं थी.'' बयान में कहा गया है कि ''बिशप की नाराजगी और चर्च से बेदखल होने के डर से मैंने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई.''

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नन ने कहा कि "2017 में फोन के माध्यम से एक व्यक्ति के साथ मेरा संबंध था. इससे चर्च में कुछ समस्याएं पैदा हुईं. सजा के तौर पर 30 अप्रैल, 2017 को मुझे केरल भेजा गया. इस मामले की जांच करने और मुझसे मिलने के लिए इस कॉन्वेंट में बिशप फ्रेंको मुलक्कल आए. रात में करीब एक बजे बिशप ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और एक कुर्सी पर बैठाया. उन्होंने बिहार की घटना के बारे में जानकारी ली. मैंने उन्हें घटना के बारे में समझाया. मेरी उनसे लगभग दो घंटे बात हुई. जैसे ही मैं कमरे से जाने लगी, बिशप ने मुझे गले लगाया और मुझे माथे पर चूमा. मुझे इससे घृणा महसूस हुई. फिर बिशप ने मुझे छोड़ दिया. इसके बाद मैंने कई बार उन्हें फोन किया लेकिन वह मुझसे बात करने से परहेज करते रहे और खुद को व्यस्त बताते रहे. फिर मैंने उन्हें फोन करना बंद कर दिया."

नन ने कहा कि चूंकि फ्रेंको मुलक्कल डायसिस के बिशप थे इसलिए मैंने इन घटनाओं को किसी के साथ साझा नहीं किया."

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सेव अवर सिस्टम फोरम 2014 से 2016 के बीच बिशप द्वारा बलात्कार करने का आरोप लगाने वाली नन के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहा है. फोरम ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि इस गवाह नन के बयान के आधार पर उसने बिशप के खिलाफ एक अलग केस दर्ज नहीं किया. हालांकि पुलिस सूत्रों का दावा है कि उसने इस नन के खुलासे के आधार पर अलग मामला इसलिए दर्ज नहीं किया क्योंकि वह ऐसा करने के लिए तैयार नहीं थी. उसे मामले में 14 वां गवाह बनाया गया.

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