मुंबई:
मुंबई में एमएमआरडीए मैदान और आजाद मैदान पर अन्ना के 27, 28 और 29 दिसंबर के अनशन के लिए मैदान अभी उपलब्ध न कराए जाने के विरोध में कोर्ट का रुख किया है। गौरतलब है कि टीम अन्ना ने एमएमआरडीए मैदान के लिए 3.5 लाख रुपये प्रति दिन के किराये को अत्यधिक बताते हुए बुधवार को मामले में प्रदेश सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी और कहा था कि यदि यह मुद्दा सौहाद्र्रपूर्ण तरीके से नहीं सुलझा तो वे अदालत में जा सकते हैं। टीम अन्ना की कोर कमेटी के सदस्य मयंक गांधी ने कहा था, हमने मुख्यमंत्री और मुंबई पुलिस आयुक्त से यह बताने को कहा है कि हम कहां (अनशन पर) बैठें। हम इतनी अत्यधिक कीमत नहीं चुका सकते। हमारे पास इतना पैसा नहीं है। मयंक गांधी ने कहा कि अगर रामलीला मैदान की तरह 2,000 से 5,000 रुपये तक टोकन राशि मांगी जाती तो हमें कोई दिक्कत नहीं थी। अन्ना हजारे ने कल कहा था कि वह 27 दिसंबर से तीन दिन अनशन करेंगे और उसके बाद तीन दिन तक जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा। आईएसी ने कल मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पत्र लिखकर उनसे किराये में छूट की मांग की थी। पत्र के अनुसार, हम किसी तरह के विज्ञापनों या किसी व्यावसायिक उत्पाद अथवा सेवा के प्रचार की अनुमति नहीं देते। पूरा उद्देश्य राष्ट्रहित में व्यवस्था में सुधारों के लिए संघर्ष करने का है। वोरा ने कहा, अगर एमएमआरडीए की ओर से बड़ी लागत में छूट संभव नहीं है तो हमारा अनुरोध है कि आजाद मैदान में 27 दिसंबर से अन्नाजी के अनशन में लोगों को शामिल होने के लिए पर्याप्त इंतजाम किये जाएं। हमारा मानना है कि 50 हजार से एक लाख लोग हर दिन आना चाहेंगे।