भारी विरोध के चलते आंध्र प्रदेश सरकार ने‘एपीजे अब्दुल कलाम प्रतिभा पुरस्कार' के नाम बदलने के आदेश को एक दिन में ही वापस ले लिया है. आपको बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन पर हर साल 11 नवंबर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार दिया जाता रहा है. सोमवार को एक आदेश के तहत ‘एपीजे अब्दुल कलाम प्रतिभा पुरस्कार' के नाम को बदल कर ‘वाईएसआर विद्य़ा पुरस्कार' करने का ऐलान किया गया था. इस आदेश का पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू सहित कई लोगों ने जमकर विरोध किया था.
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अधिकारियों ने मंगलवार सुबह बताया कि मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड़्डी को जैसे ही नाम बदलने की जानकारी मिली उन्होंने तुरंत इस फैसले को वापस लेने का आदेश दे दिया. इसके साथ ही उन्होंने ऐसा न करने की चेतावनी देते हुए कहा कि पुरस्कार कलाम, महात्मा गांधी और अंबेडकर के नाम पर ही होने चाहिए.
आपको बता दें कि इस फैसले के विरोध में चंद्रबाबू नायडू ने हैशटैग #YSRCPInsultsAbdulKalam के साथ ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अब्दुल कलाम ने देश के लिए अग्रणी काम किया था ‘एपीजे अब्दुल कलाम प्रतिभा पुरस्कार' के नाम को बदल कर ‘वायएसआर विद्य़ा पुरस्कार' करना महापुरुष के सम्मान को ठेस पहुंचाना है.
गौरतलब है कि वाईएसआर अविभाजित आंध्र प्रदेश के 2 बार मुख्यमंत्री रहे. साल 2009 में हेलीकॉप्टर क्रैश में उनका निधन हो गया था. उनके पुत्र जगहमोहन रेड्डी अभी राज्य के मुख्यमंत्री हैं. हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जगनमोहन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई है.
पिछली सरकार की योजनाओं के नाम बदलने और ग्राम पंचायत भवन को अपनी पार्टी के झंडे के रंग से पेंट करवाने के मामलों के कारण राज्य सरकार विवादों के घेरे में है.
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