
अमिताभ बच्चन परिवार समेत लंबे समय से मायानगरी मुंबई में रह रहे हैं, लेकिन सबको पता है कि उनका कनेक्शन यूपी से है. छोरा गंगा किनारे वाला यानी अमिताभ बच्चन का जन्म प्रयागराज में हुआ था. वहां आज भी उनका पुश्तैनी बंगला है. प्रयागराज में क्लाइव रोड का 17 नंबर बंगला वो जगह है, जहां अमिताभ बच्चन का जन्म हुआ था. अमिताभ अपने पिता हरिवंश राय बच्चन के साथ इसी बंगले पर रहा करते थे. सिविल लाइंस के क्लाइव रोड में यह बंगला करीब 10 बीघे में बना था इस बंगले में हरिवंश राय बच्चन परिवार के साथ किराये पर रहते थे. नगर निगम ने ये बंगला महानिर्वाणी अखाड़े को बेचा था और अमिताभ के परिवार समेत 13 किरायेदार थे.
इलाहाबाद में अमिताभ बच्चन का जन्म
हरिवंश राय बच्चन के साथ अमिताभ बच्चन करीब 9 साल तक यहां इसी घर में रहे. अमिताभ बच्चन के इस घर को 10 द्वार वाला बंगला भी कहा जाता था. वैसे इसका नाम सूर्यभेदी भवन भी था. इसका वास्तुकला इतनी बेहतरीन थी कि प्रत्येक कोने कोने तक सूर्य की रोशनी सीधे पहुंचती थी. इस बंगले में करीब 30 कमरे थे और एक बड़ा सा मैदान भी था. कमरों और छत के लिए दोनों साइड से शानदार सीढ़ी बनी हुई थी. अब यह बंगला एक ट्रस्ट की निगरानी में है.
कटघर इलाके में अमिताभ का पैतृक घर
प्रयागराज के कटघर इलाके में भी उनका पैतृक घर था. जमुना क्रिश्चियन इंटर कॉलेज गेट के सामने अमिताभ बच्चन और तेजी बच्चन का ये पैतृक आवास था. इसे बॉलीवुड के महानायक के दादा प्रताप नारायण ने लगभग 120 साल पहले बनवाया था. 60 वर्ग गज बना यह मकान अब जीर्ण शीर्ण स्थिति में है.अमिताभ के पिता हरिवंशराय बच्चन के भांजे रामचंद्र के बेटे अनूप उसी मकान में रहते थे. इसी मकान में हरिवंशराय बच्चन ने अपना चर्चित काव्य मधुशाला की रचना की थी.

इलाहाबाद के कॉन्वेट स्कूल से पढ़ाई
अमिताभ बच्चन ने अपनी शुरुआती पढ़ाई इलाहाबाद के सबसे पुराने कान्वेंट स्कूल सिविल लाइंस के बॉयज हाईस्कूल से की थी. फिर आगे की पढ़ाई उन्होंने शेरवुड कॉलेज नैनीताल और दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से की. वो अवधी, हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी भाषा के अच्छे जानकार हैं. उन्होंने 1962 में किरोड़ी मल कॉलेज से बीएससी की. अमिताभ कांग्रेस परिवार में राजीव गांधी और संजय गांधी के दोस्त भी थे. उन्होंने इलाहाबाद से ही हेमवती नंदन बहुगुणा के खिलाफ चुनाव लड़ा और उन्हें हरा दिया.
ऑल इंडिया रेडियो में नहीं मिली जॉब
अमिताभ ने शुरुआती दौर में ऑल इंडिया रेडियो में न्यूजरीडर की जॉब के लिए आवेदन दिया, लेकिन रिजेक्ट हो गए. फिर वो कोलकाता की एक कंपनी बिजनेस एक्जीक्यूटिव बन गए. लेकिन अभिनय का जुनून उनके अंदर था और उनकी मां का भी इसके पीछे काफी प्रोत्साहन था. उन्होंने 1969 में मृणाल सेन की फिल्म भुवन शोमे में वाइस नैरेशन दिया. सात हिन्दुस्तानी उनकी पहली फिल्म थी, उनका शुरुआती करियर अच्छा नहीं था.बांबे टू गोवा और आनंद के बाद बी उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं मिली, लेकिन प्रकाश मेहरा की जंजीर का रोल जब कई बड़े ऐक्टरों ने ठुकरा दिया तो अमिताभ को ये किरदार मिला और इसने उनका करियर बदल दिया. फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

पूर्वजों का नाता प्रतापगढ़ के बाबूपट्टी इलाके से
हरिवंश राय बच्चन के पूर्वज प्रतापगढ़ जिले की रानीगंज तहसील के बाबूपट्टी इलाके से आकर इलाहाबाद में बसे थे. उनकी पत्नी तेजी बच्चन पंजाबी सिख खत्री थीं और पंजाब के लायलपुर इलाके से ताल्लुक रखती थीं, यह इलाका आज पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फैसलाबाद में है.अमिताभ के छोटे भाई अजिताभ उनसे 5 साल छोटे हैं. अमिताभ बच्चन ने 3 जून 1973 को जया भादुड़ी से शादी की थी.

इंकलाब नाम रखना चाहता था परिवार
ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आंदोलन के दौर में मां-बाप पहले उनका नाम इंकलाब रखने वाले थे. लेकिन तब के मशहूर कवि सुमित्रानंदन पंत के सुझाव पर उनका नाम अमिताभ रखा गया. कायस्थ परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरिवंशराय बच्चन जातिगत व्यवस्था के खिलाफ थे. उनकी हर साहित्यिक रचना में श्रीवास्तव की जगह बच्चन नाम का इस्तेमाल किया और यही सरनेम अमिताभ को भी मिला. हरिवंशराय बच्चन का निधन 2003 में और तेजी बच्चन का देहावसान 2007 में हुआ.
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