हैदराबाद में 'अमित शाह Vs केसीआर': तेलंगाना के भारत में विलय को TRS ने 'एकता' तो BJP ने 'मुक्ति' दिवस के रूप में मनाया

केसीआर ने कहा कि लोगों को विभाजित करने के लिए धर्म का दुरुपयोग किया जा रहा है और अवसरवादी शांति को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं.

हैदराबाद में 'अमित शाह Vs केसीआर': तेलंगाना के भारत में विलय को TRS ने 'एकता' तो BJP ने 'मुक्ति' दिवस के रूप में मनाया

तेलंगाना:

तेलंगाना ने आज भारतीय संघ में राज्य के 'एकीकरण' और निजाम के शासन से मुक्ति का जश्न मनाया. प्रदेश के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने हैदराबाद में इसे 'तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया, तो वहीं कुछ किलोमीटर दूर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उसी ऐतिहासिक घटना को 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' के रूप में सेलिब्रेट किया. केसीआर ने इसे भाजपा का 'विभाजनकारी एजेंडा' बताया. उन्होंने कहा कि यह दिन 1948 में हैदराबाद राज्य के भारतीय संघ में एकीकरण का प्रतीक है.

भाजपा तेलंगाना में कांग्रेस के कमजोर होने की स्थिति में खुद को मजबूत करने का मौका देख रही है. केंद्र और राज्य हाल के महीनों में आमने-सामने देखे गए हैं. आज भी वैसा ही देखा गया, जहां तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने सिकंदराबाद में उनसे 7 किमी दूर नामपल्ली में 'तेलंगाना राष्ट्रीय एकता दिवस' मनाते हुए सार्वजनिक उद्यानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' के रूप में राष्ट्रीय ध्वज फहराया.

अपनी रैली में, अमित शाह ने भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल का जिक्र किया और कहा कि अगर वो नहीं होते, तो हैदराबाद को आजाद होने में कई और साल लग जाते. 

शाह ने कहा, "इतने सालों बाद इस देश में एक इच्छा थी कि हैदराबाद मुक्ति दिवस को सरकार की भागीदारी के साथ मनाया जाए. लेकिन दुर्भाग्य से, 75 साल बीत चुके हैं और इस जगह पर शासन करने वाले वोट बैंक के कारण हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने की हिम्मत नहीं कर सके.”

उन्होंने कहा, "कई लोगों ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि वे मुक्ति दिवस मनाएंगे. लेकिन जब वे सत्ता में आए, तो रजाकारों के डर से पीछे हट गए. उन्हें अभी भी डर है. मैं उनसे कहना चाहता हूं, अपने दिल से डर हटा दें, रजाकार इस देश के लिए निर्णय नहीं ले सकते, क्योंकि इसे आजादी मिले 75 साल हो गए हैं."

केसीआर, जिन्होंने आज अमित शाह के कार्यक्रम में निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया, उन्होंने पूछा कि भाजपा 9 नवंबर को गुजरात के जूनागढ़ के भारत में शामिल होने के जश्न को क्यों नहीं मना रही है और केवल हैदराबाद पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है.

अपनी रैली में, केसीआर ने कहा कि तेलंगाना ने पिछले आठ सालों में एक लंबा सफर तय किया है. उन्हें तेलंगाना के लोगों के अधिकारों, सम्मान और स्वाभिमान के लिए लड़ना पड़ा. केसीआर ने कहा, "हमें फिर से वही स्थिति नहीं होनी चाहिए. आपको तेलंगाना लाने वाले व्यक्ति के रूप में, यह मेरा प्राथमिक कर्तव्य है कि आप इस भूमि को उसी अराजकता में नहीं आने दें. हमें प्रगति की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है."

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उन्होंने कहा कि लोगों को विभाजित करने के लिए धर्म का दुरुपयोग किया जा रहा है और अवसरवादी शांति को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं. हमें अपने मूल्यों की रक्षा के लिए फिर से उसी तरह के संघर्ष की आवश्यकता है.