विज्ञापन
This Article is From Jan 06, 2024

अमित शाह ने सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए डेटाबेस जोड़ने, AI विश्लेषण अपनाने पर दिया जोर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस महानिदेशक (DGP) और पुलिस महानिरीक्षक (IGP) के 58वें सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए देश भर में आतंकवाद रोधी तंत्र की संरचनाओं, आकार और कौशल की एकरूपता पर भी जोर दिया

अमित शाह ने सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए डेटाबेस जोड़ने, AI विश्लेषण अपनाने पर दिया जोर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस अधिकारियों के 58वें सम्मेलन का उद्घाटन किया.
जयपुर:

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस को जोड़ने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) वाले विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. यहां पुलिस महानिदेशक (DGP) और पुलिस महानिरीक्षक (IGP) के 58वें सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए शाह ने देश भर में आतंकवाद रोधी तंत्र की संरचनाओं, आकार और कौशल की एकरूपता पर भी जोर दिया.

उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लिए गए दो महत्वपूर्ण निर्णयों - राष्ट्रीय शिक्षा नीति और ब्रिटिश युग के कानूनों को बदलने के लिए तीन आपराधिक न्याय कानूनों के अधिनियमन - पर प्रकाश डाला और कहा कि देश 2023 में 'अमृत काल' में प्रवेश कर चुका है.

शाह ने कहा कि नए कानून सजा के बजाय न्याय देने पर केंद्रित हैं और इन कानूनों के कार्यान्वयन से देश की आपराधिक न्याय प्रणाली सबसे आधुनिक और वैज्ञानिक हो जाएगी.

गृहमंत्री शाह ने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए डेटाबेस को जोड़ने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता-संचालित विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने 2014 के बाद से देश में सुरक्षा परिदृश्य में समग्र सुधार की ओर इशारा किया, विशेष रूप से तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों - जम्मू कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा में कमी.

शाह ने तीन नये कानूनों के सफल कार्यान्वयन के लिए थाना प्रभारी (एसएचओ) से लेकर डीजीपी स्तर तक के पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण और पुलिस थाने से पुलिस मुख्यालय तक प्रौद्योगिकी उन्नयन की आवश्यकता पर बल दिया.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को साकार करने में आंतरिक सुरक्षा की भूमिका पर भी प्रकाश डाला. गृहमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में यह सम्मेलन एक विचार मंच (थिंक टैंक) के रूप में उभरा है, जो निर्णय लेने और नई सुरक्षा रणनीतियों को तैयार करने की सुविधा प्रदान करता है.

सम्मेलन में सुरक्षा संबंधी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जिसमें सीमाओं की सुरक्षा, साइबर खतरे, कट्टरपंथ, पहचान दस्तावेज धोखाधड़ी से जारी किया जाना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से उभरने वाले खतरे शामिल हैं.

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) रैंक के लगभग 250 अधिकारी जयपुर में राजस्थान अंतरराष्ट्रीय केंद्र में सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. जबकि 200 से अधिक अन्य इसमें डिजिटल तरीके से शामिल हो रहे हैं.

उन्होंने गुप्तचर ब्यूरो अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक वितरित किए और तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों के लिए ट्रॉफी प्रदान की गई.शाह ने देश की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com