केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को भरोसा जताया कि भाजपा कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुल 224 सीट के आधे आंकड़े से 15-20 सीट अधिक जीतेगी तथा कुछ नेताओं के दलबदल करने के बावजूद पार्टी का जनाधार बरकरार है. शाह ने यह भी कहा कि ऐतिहासिक रूप से पार्टी से बगावत करने वाले चुनाव नहीं जीतते हैं और 'यह इस बार भी सच साबित होगा'. मानहानि के एक मामले में दोषसिद्धि के बाद लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता को लेकर कांग्रेस द्वारा केंद्र सरकार पर निशाना साधे जाने के मद्देनजर शाह ने इंडिया टुडे से एक साक्षात्कार में कहा कि 'कोई भी परिवार भारत में कानून से ऊपर नहीं है और कानून सबसे ऊपर है'. गांधी ने बेदखली का नोटिस मिलने के बाद शनिवार को अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया और दावा किया कि वह सच बोलने की कीमत चुका रहे हैं.
शाह ने एक सवाल के जवाब में कहा, "हमने कभी भी राहुल गांधी से ओबीसी समुदाय का अपमान करने के लिए नहीं कहा. उन्होंने खुद माफी न मांगने का फैसला किया."
उन्होंने कहा, 'जिस कानून के तहत उन्हें (गांधी) दोषी ठहराया गया था, वह कांग्रेस सरकार द्वारा बनाया गया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उस कानून को वापस लेने की कोशिश की, लेकिन राहुल गांधी ने खुद अध्यादेश को फाड़ दिया. अब उन्हें खुद को पीड़ित नहीं दिखाना चाहिए. किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि कोई भी परिवार कानून से ऊपर है.'
यह पूछे जाने पर कि आरोप लगाया जा रहा है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को तलब किए जाने का संबध उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की आलोचना किए जाने से है, गृह मंत्री ने कहा कि ऐसा आरोप सही नहीं है क्योंकि उन्हें जांच के लिए एजेंसी द्वारा पहले भी बुलाया गया था.
शाह ने कहा, 'मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भाजपा ने ऐसा कुछ नहीं किया है जिसे छिपाने की जरूरत है. अगर कोई हमसे अलग होने के बाद आरोप लगा रहा है, तो मीडिया और लोगों को इसका मूल्यांकन करना चाहिए.'
दस मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि भाजपा को 224 सदस्यीय विधानसभा में 112 सीट के आधे आंकड़े से 15-20 सीट अधिक मिलेंगी.
उन्होंने कर्नाटक में भाजपा सरकार पर कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को 'आधारहीन' करार दिया.
शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान कर्नाटक को ‘‘एटीएम'' के रूप में इस्तेमाल किया.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास अपने शासन के दौरान कर्नाटक के प्रति उदासीनता बरते जाने का कोई जवाब नहीं है। गृह मंत्री ने कहा कि 2009-14 के दौरान जब कांग्रेस के नेतृत्व वाला संप्रग सत्ता में था, तब केंद्र ने राज्य को 94,224 करोड़ रुपये जारी किए थे.
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014-19 के दौरान राशि को बढ़ाकर 2.26 लाख करोड़ रुपये कर दिया.
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देकर संविधान का उल्लंघन किया. उन्होंने उल्लेख किया कि संविधान धार्मिक पहचान के आधार पर किसी भी तरह के आरक्षण की अनुमति नहीं देता है.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने इस आरक्षण को समाप्त कर दिया है और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, वोक्कालिगा तथा लिंगायतों के लिए कोटा बढ़ा दिया है.
शाह ने कहा कि कांग्रेस ने जहां कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई को 'संरक्षित और पोषित' किया, वहीं मोदी सरकार ने इसे प्रतिबंधित कर दिया है. उन्होंने कहा कि संगठन के लोग राज्य में दिनदहाड़े हत्याएं करते थे.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया और राज्य के लोगों को सुरक्षा प्रदान की.
जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए आतंकी हमले पर उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत पर किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे.''
उन्होंने कहा कि विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों के खिलाफ हिंसा को मोदी सरकार हल्के में नहीं लेगी.
मोदी पर किए जा रहे 'व्यक्तिगत हमलों' पर उन्होंने कहा, 'मोदी जी पर व्यक्तिगत हमले नए नहीं हैं और बहुत पहले सोनिया गांधी द्वारा शुरू किए गए थे जिन्होंने उन्हें 'मौत का सौदागर' कहा था, लेकिन जब भी उन (मोदी) पर इस तरह के हमले हुए तो वह और मजबूत होकर उभरे हैं.'
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