
- GST की नई दरें नवरात्रि के पहले दिन से लागू हो गई हैं, जिससे कई चीजें सस्ती हुई हैं
- प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अपने कार्यकाल के चौथे साल में GST लागू कर दिया था: अमित शाह
- हमने जीएसटी में कट का फैसला किया है, जिससे 395 से ज्यादा चीजों पर आम जनता को राहत दी गई है: अमित शाह
Amit Shah Interview: देशभर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) की नई दरें आज से लागू हो गई हैं. नवरात्रि के पहले दिन से लोगों को कई चीजें पहले से कम दाम में मिलने लगी हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जीएसटी में किये गए सुधारों को लेकर NDTV के एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल से खास बातचीत की. इस दौरान अमित शाह ने बताया कि कांग्रेस जीएसटी का क्रेडिट लेने की कोशिश करती है, लेकिन अपने कार्यकाल में वह इसे लागू क्यों नहीं कर पाए. साथ ही उन्होंने बताया कि जीएसटी के लागू होने से कैसे लोगों का विश्वास केंद्र की मोदी सरकार पर और बढ़ेगा.
वो कहते हैं कि GST का आइडिया उनका था, फिर
नवरात्रि के पहले दिन से नई जीएसटी दरें लागू हो गई हैं. क्या इससे भारत की अर्थव्यवस्था में उछाल आएगा, जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़ेगा? इस सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा, 'जीएसटी जब से लागू हुआ, तब से कुछ लोग इसे बदनाम करने में जुटे हुए हैं. इसे 'गब्बर सिंह टैक्स' और न जाने कितने नाम दिये जाते हैं. फिर देखा कि ये सफल हो रहा है, तो कहने लगे कि ये हमारा ही आइडिया था. प्रणब मुखर्जी और पी. चिदंबरम ने जीएसटी के बारे में विचार किया था और मोदी सरकार ने इसे चुरा लिया. हालांकि, वे 10 साल सत्ता में रहे थे, लेकिन वे इसे नहीं लाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अपने कार्यकाल के चौथे साल में लागू कर दिया था.'
नवरात्रि पर बचत उत्सव SPECIAL... गृह मंत्री अमित शाह के साथ NDTV के CEO और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल की EXCLUSIVE बातचीत
— NDTV India (@ndtvindia) September 22, 2025
⏰: आज रात 8 बजे
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कांग्रेस इसलिए नहीं थी कर पाई GST को लागू
कांग्रेस क्यों GST को लागू नहीं कर पाई... अमित शाह ने बताया, 'सवाल उठता है कि पिछली सरकार जीएसटी को लागू क्यों नहीं कर पाई थी? राज्यों ने इसका विरोध क्यों किया था? क्योंकि स्वभाविक रूप से 16 तरह के बिक्री कर इकट्ठा कर एक टैक्स बनाना था, जिसमें सभी टैक्स शामिल होते, तो इससे राज्यों की इनकम पर असर पड़ने वाला था. जब कांग्रेस ये विचार लेकर आई थी, तब राज्यों ने कहा था कि हमारी इनकम पर शुरुआती सालों में जीएसटी से जो विपरीत असर पड़ेगा, उसका भुगतान केंद्र सरकार को करना चाहिए. इन्होंने कहा कर देंगे, तो राज्यों ने कहा कि इसकी संवैधानिक गारंटी दीजिए. लेकिन तब केंद्र की सरकार ने इसकी कोई संवैधानिक गारंटी नहीं दी. अगर संवैधानिक गारंटी नहीं देंगे, तो कौन भरोसा करेगा. इसलिए तब जीएसटी लागू नहीं किया गया.'
PM मोदी ने सिर्फ 4 साल में कर दिखाया
प्रधानमंत्री मोदी जब सत्ता में आए, तो उन्होंने भी जीएसटी को लेकर चर्चाएं शुरू कीं, अरुण जेटली उस समय वित्त मंत्री थे. मैं पार्टी का अध्यक्ष था. सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से बात हुई, लेकिन वही समस्या फिर से सामने आई. तब पीएम मोदी ने कहा कि हम ही ये कहते रहे हैं कि जीएसटी के लिए राज्यों को संवैधानिक गारंटी मिलनी चाहिए, फिर हम इससे कैसे पीछे हट सकते हैं? राज्यों को संवैधानिक गारंटी दी गई, इसी कारण जीएसटी सर्वस्वीकृत हुआ सफल हुआ.
395 चीजें आज से हो रहीं सस्ती
अमित शाह ने बताया, 'अब जीएसटी सेटल हो गया है. 80 हजार करोड़ से 2 लाख करोड़ का कलेक्शन हो गया है. अब समय आ गया है कि जीएसटी से जनता को राहत देनी चाहिए. 2 लाख करोड़ से हम 2.5 लाख करोड़ भी जा सकते हैं. लेकिन अब सिस्टम बन गया है. इसलिए हमने जीएसटी में कट का फैसला किया है. 395 से ज्यादा चीजों पर आम जनता को राहत दी गई है. इससे बिजली, सीमेंट, रोजमर्रा की खाने-पीने की 250 चीजें, दवाइयां, इंश्योरेंस, दोपहिया वाहन, कार, ट्रक, एग्रीकल्चर की चीजें सस्ती होंगी. एग्रीकल्चर में इस्तेमाल होने वाली, तो हर चीज पर टैक्स को घटाया गया है. ये बहुत बड़ा फैसला है. हां, निश्चित रूप से इससे टैक्स कलेक्शन में सरकार को कुछ कमी आएगी. लेकिन इस नवरात्रि में ये निर्णय आम लोगों को लाभ देने की शुरुआत करेगा.'
करदाताओं और सरकार में विश्वास बढ़ेगा...
जीएसटी से क्या फायदा होगा... अमित शाह ने बताया, 'मैं मानता हूं कि जीएसटी में सुधार से उत्पादन बढ़ेगा और मांग भी बढ़ेगी. जीएसटी का दायरा भी चौड़ा होगा. देश के अंदर विश्वास वाली कर प्रणाली बनेगी. जिससे जनता में विश्वास होगा कि कर सरकार की इनकम बढ़ाने के लिए नहीं, देश को चलाने के लिए है. टैक्स जब भी ज्यादा होता है, सरकार तब इसे कम करती है. आपने देखा होगा कि जीएसटी को लेकर देश में कोई बड़े स्तर पर विरोध नहीं हुआ. कोई बड़ा आंदोलन नहीं हुआ. कुछ एक-दो नेता इसका विरोध करते रहे हैं, जिन्हें कोई सुनता भी नहीं है. जनता की जीएसटी रेट को घटाने की कोई डिमांड नहीं थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने खुद ये फैसला लिया है. इससे विश्वास का वातावरण देश की 140 करोड़ की जनता में होगा कि ये सरकार बेवजह टैक्स नहीं लगाती है. देश चलाने के लिए जितने टैक्स की जरूरत होती है, उतना ही लगाती है. मेरा मानना है कि आज से करदाताओं और सरकार में विश्वास का परस्पर एक नया युग शुरू होगा.'
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