हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के अलग भवन के निर्माण के लिए जमीन देने की घोषणा की है. वर्तमान में, पंजाब और हरियाणा सरकारें विधानसभा परिसर को साझा करती हैं, जो केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा सिविल सचिवालय के पास स्थित है. हरियाणा सरकार पिछले एक साल से यह मांग कर रही थी.
शाह ने जयपुर में शनिवार को उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें खट्टर ने भी भाग लिया.
खट्टर ने ट्वीट किया, ‘‘हरियाणा विधानसभा के लिए अलग भवन बनाने की हमारी मांग को पूरा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने चंडीगढ़ में विधानसभा के लिए अतिरिक्त जमीन देने की आज घोषणा की. मैं समस्त हरियाणावासियों की ओर से गृह मंत्री का हृदय से धन्यवाद करता हूं.''
पड़ोसी राज्य पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विधान सभा भवन के लिए भी चंडीगढ़ में अलग से भूमि दिए जाने की केंद्र से मांग की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेरी केंद्र सरकार से अपील है कि हरियाणा की तर्ज पर पंजाब को भी विधानसभा भवन बनाने के लिए चंडीगढ़ में जमीन आवंटित की जाए. लंबे समय से मांग है कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को भी अलग किया जाए. केंद्र सरकार कृपा कर इसके लिए भी चंडीगढ़ में जमीन मुहैया कराए.''
हरियाणा एक नवंबर, 1966 को अस्तित्व में आया था, लेकिन सचिवालय, विधानसभा और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के लिए दोनों राज्यों के साझा भवन हैं. हरियाणा विधानसभा के लिए नए अतिरिक्त भवन की आवश्यकता का कारण बताते हुए खट्टर ने जयपुर की बैठक में कहा कि 2026 में नए परिसीमन की कवायद प्रस्तावित है, जिसके आधार पर 2029 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होंगे.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, खट्टर ने कहा, ‘‘अनुमान है कि नए परिसीमन में हरियाणा की जनसंख्या के हिसाब से विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 126 और लोकसभा क्षेत्रों की संख्या 14 होगी. वर्तमान में, हरियाणा विधानसभा में 90 विधायक हैं. मौजूदा भवन में इन 90 विधायकों को भी समायोजित करने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है.''
उन्होंने कहा कि इस भवन का विस्तार करना भी संभव नहीं है, क्योंकि यह एक विरासती इमारत है. उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि मौजूदा भवन में भी हरियाणा का पूरा हिस्सा प्रदान किया जाए.
इस बीच, कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने ट्वीट किया, ‘‘अमित शाह जी, सभी हितधारकों, विशेष रूप से पंजाब सरकार के साथ विचार-विमर्श किए बिना विशेष विधानसभा स्थापित करने के लिए हरियाणा को जमीन देकर, चंडीगढ़ को लेकर पंजाब की भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया जा रहा है.''
उन्होंने कहा, ‘‘प्रक्रिया को रोकना और आगे की कार्रवाई में हमें शामिल करना महत्वपूर्ण है.''
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा समेत पंजाब के कुछ नेताओं ने मान के इस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने हरियाणा की तर्ज पर विधानसभा स्थापित करने के लिए चंडीगढ़ में पंजाब को जमीन आवंटित करने की केंद्र से अपील की है.
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