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This Article is From Sep 07, 2015

देश के सर्वोच्च प्रशासनिक ट्रेनिंग संस्थान में कथित रूप से फर्जी आईएफएस ट्रेनी पकड़ा गया

देश के सर्वोच्च प्रशासनिक ट्रेनिंग संस्थान में कथित रूप से फर्जी आईएफएस ट्रेनी पकड़ा गया
एलबीएसएनएए (फाइल तस्वीर)
मसूरी: अभी करीब चार महीने ही बीते हैं कि देश के प्रशासनिक अधिकारियों का ट्रेनिंग संस्थान एक और विवाद को लेकर चर्चा में आ गया था। तब मसूरी के इस लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकैडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में रूबी चौधरी नाम की एक महिला फर्जी तरीके से आईएएस की ट्रेनिंग ले रही थी और पकड़ी गई। वहीं अब करीब-करीब ऐसा ही एक और मामला प्रकाश में आया है।

खबर है कि 31 वर्षीय रोमी महेंद्रू नाम का एक और युवक यहां पर आईएफएस की ट्रेनिंग के लिए पहुंचा। रोमी का दावा है कि उसने 2014 का सिविल सर्विसेज एक्जाम क्वालीफाई किया है।

वहीं, फिलहाल वह पुलिस स्टेशन में है क्योंकि उसके पास ऐसा कोई सबूत या कागजात नहीं है जिससे यह साबित हो कि वह एकैडमी में ट्रेनिंग का हकदार है। रोमी उत्तर प्रदेश के लखनऊ का रहने वाला है।

रोमी का दावा है कि उसके पास डीओपीटी से भले ही कोई कागज नहीं आया हो, लेकिन उसकी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से फोन पर बात हुई थी। उसका कहना है कि कॉल लेटर डीओपीटी ने नहीं जारी किया था, फोन पर अंडर सेक्रेटरी स्तर के एक अधिकारी से बात हुई थी। रोमी ने इस संबंध में एक मेल भी भेजा था।

जहां तक एकैडमी के सूत्रों का कहना है कि विदेश मंत्रालय या फिर डीओपीटी की ओर से संस्थान को भेजी गई सफल अभ्यर्थियों की सूची में रोमी का नाम नहीं है।

इस मामले पर एसपी सिटी अजय सिंह का कहना है कि, रोमी के दावों और तथ्यों की जांच की जा रही है।

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