
- शाहजहांपुर के एक सहायक शिक्षक ने अपनी लिंग परिवर्तन सर्जरी के बाद नाम बदलने के लिए याचिका दाखिल की है.
- याची शिक्षक ने जिला मजिस्ट्रेट से लिंग परिवर्तन प्रमाणपत्र और पहचान पत्र प्राप्त कर लिए हैं.
- कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं से कर्नाटक और मणिपुर हाईकोर्ट के संबंधित आदेशों का अवलोकन करने को कहा है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाहजहांपुर से जुड़े एक सहायक शिक्षक द्वारा लिंग परिवर्तन के बाद नाम बदलने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि लिंग परिवर्तन सर्जरी के बाद क्या कोई व्यक्ति नाम बदल सकता है? इस पर कोर्ट विचार करेगा. यानी क्या किसी व्यक्ति को लिंग परिवर्तन सर्जरी के बाद सरकारी रिकॉर्ड में नाम बदलने की अनुमति दी जा सकती है?
कोर्ट ने क्या कहा
लिंग परिवर्तन के बाद पहचान से जुड़े इस मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की सिंगल बेंच ने वरिष्ठ अधिवक्ता एचआर मिश्रा और अधिवक्ता वीआर तिवारी से इस प्रश्न पर कोर्ट की सहायता करने का अनुरोध किया है. इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी. कोर्ट ने अधिवक्ताओं से 19 अगस्त 2025 को कर्नाटक और मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा पारित दो आदेशों के अवलोकन के लिए भी कहा है.
किसने दाखिल की याचिका
कोर्ट ने शाहजहांपुर निवासी एक सहायक शिक्षक की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है. दरअसल याची शिक्षक ने अपनी लिंग परिवर्तन सर्जरी के बाद सरकारी रिकॉर्ड में अपना नाम बदलने की मांग इलाहाबाद हाईकोर्ट से करते हुए याचिका दाखिल की है. याची ने 2020 में अपना लिंग परिवर्तन कराने का प्रयास शुरू किया और 2023 में यहां प्रक्रिया तीन साल बाद सफलतापूर्वक पूरी हो गई.
जिला कोर्ट में क्या हुआ
याची शिक्षक ने ज़िला मजिस्ट्रेट के पास भी आवेदन कर लिंग परिवर्तन प्रमाणपत्र और पहचान पत्र प्राप्त कर लिया. इसके बाद याची ने सरकारी रिकॉर्ड में अपना नाम बदली किए जाने के लिए कोर्ट का रुख किया है. इस याचिका में याची शिक्षक ने राज्य सरकार, माध्यमिक शिक्षा के निदेशक, बरेली के क्षेत्रीय सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद और निदेशक, शिक्षा विभाग, बलदा कॉलोनी, न्यू हैदराबाद, निशातगंज को प्रतिवादी बनाया है. मामले में अब 30 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी.
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