उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट 'चक गंजरिया' मुश्किलों में पड़ गया है। प्रोजेक्ट के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ए डीएन राव ने कोर्ट को बताया है कि इसका कुछ हिस्सा फोरेस्ट लैंड में आता है। साथ ही इसके लिए केंद्र सरकार से पर्यावरण संबंधी क्लियरेंस लेना भी जरूरी है।
इस मामले में यूपी और केंद्र से कुछ रिपोर्ट भी मांगी गई हैं। कोर्ट ने सरकारों को इस संबंध में जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 10 मार्च को करेगा।
गौरतलब है कि 'वी द पीपल' नामक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि इससे पर्यावरणीय मानदंडों को भारी क्षति पहुँचेगी।
इस मामले में कोर्ट ने वकील एडीएन राव को कोर्ट मित्र नियुक्त किया था और प्रस्तावित जगह का निरीक्षण करने और रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। यूपी की राजधानी लखनऊ के निकट अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट 'चक गंजरिया' फार्म में करीब 1500 एकड़ जमीन में आइटी पार्क, अस्पताल आदि का निर्माण प्रस्तावित है।
यूपी सरकार ने इसके लिए एक बड़ी आईटी कंपनी से करार किया है। लेकिन, अब इसका भविष्य सुप्रीम कोर्ट के रुख पर निर्भर है।
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