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This Article is From Jun 20, 2024

हवा में इतना जहर! भारत में हर दिन दम तोड़ देते हैं 464 बच्चे, जानिए क्यों डरा रही ये रिपोर्ट

State of Global Air Report: वायु प्रदूषण से कैंसर रोगियों में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. जिसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य असमानताएं बढ़ सकती हैं और मौत हो सकती है.

हवा में इतना जहर! भारत में हर दिन दम तोड़ देते हैं 464 बच्चे, जानिए क्यों डरा रही ये रिपोर्ट
Air Pollution: वायु प्रदूषण से 2021 में दुनिया में 81 लाख लोगों की मौत हुई.
नई दिल्ली:

Air pollution: वायु प्रदूषण से मरने वाले लोगों के जो आंकड़े सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण (Air pollution) के कारण वर्ष 2021 में दुनिया भर में 81 लाख लोगों की मौत हुई है. वायु प्रदूषण के चलते भारत (Air pollution in India) और चीन में मौत के क्रमश: 21 लाख और 23 लाख मामले दर्ज किए गए हैं. यूनिसेफ के साथ साझेदारी में अमेरिका के स्वतंत्र अनुसंधान संस्थान ‘हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट' (Health Effects Institute) (HEI) ने यह रिपोर्ट जारी की.

भारत में 1,69,400 बच्चों की मौत

इस रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण की चपेट में आकर साल 2021 में भारत में पांच वर्ष से कम आयु के 1,69,400 बच्चों की मौत हुई. यानी भारत में रोजना औसतन 464 बच्चों की मौत वायु प्रदूषण से हो रही है. नाइजीरिया में 1,14,100 बच्चे, पाकिस्तान में 68,100, इथियोपिया में 31,100 और बांग्लादेश में 19,100 बच्चों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हुई.

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रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिण एशिया में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है. इसके बाद उच्च रक्तचाप, आहार और तम्बाकू सेवन का स्थान आता है. रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘2021 में वायु प्रदूषण से होने वाली मौत के मामलों की संख्या किसी भी पिछले वर्ष के अनुमान से ज़्यादा रही. एक अरब से ज्यादा आबादी वाले भारत (21 लाखों मौत) और चीन (23 लाख मौत) में कुल मिलाकर मौत के मामले कुल वैश्विक मामलों के 54 प्रतिशत हैं.''

रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘पीएम 2.5' और ओजोन से होने वाले वायु प्रदूषण से 2021 में 81 लाख मौतें होने का अनुमान है, जो कुल वैश्विक मौतों का लगभग 12 प्रतिशत है. ये कण 2.5 माइक्रोमीटर से भी कम व्यास के और इतने छोटे होते हैं कि वे फेफड़ों में रह जाते हैं और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे कई अंग प्रणाली प्रभावित होती हैं एवं लोगों में हृदय रोग, मधुमेह, फेफड़ों के कैंसर जैसे रोगों के जोखिम बढ़ जाते हैं.

एचईआई अध्यक्ष एलेना क्राफ्ट ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हमारी रिपोर्ट बदलाव के लिए जानकारी और प्रेरणा दोनों प्रदान करेगी.'' उन्होंने कहा, ‘‘वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ता है. हम जानते हैं कि वायु गुणवत्ता और वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार व्यावहारिक और हासिल करने योग्य है.

जानें कितना खतरनाक है वायु प्रदूषण

वायु प्रदूषण से कैंसर रोगियों में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. जिसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य असमानताएं बढ़ सकती हैं और मौत हो सकती है. एक शोध में 2000 से 2023 के बीच प्रकाशित आठ दस्तावेजों की समीक्षा की गई, जिसमें हृदय रोग, जैसे दिल का दौरा व स्ट्रोक और कैंसर पर वायु प्रदूषण के प्रत्यक्ष प्रभावों का अध्ययन किया गया. यह शोध 1.1 करोड़ से ज्यादा लोगों पर किया गया.

शोध में पाया गया है कि सूक्ष्म कण (पीएम2.5) प्रदूषण के संपर्क में आने से शरीर की ‘डिटॉक्सिफिकेशन' यानी हानिकारिक तत्वों का बाहर निकालने की प्रक्रिया और सूजन के खिलाफ इसकी सुरक्षा कमजोर हो जाती है, जो कैंसर और हृदय रोग दोनों के लिए सामान्य जोखिम कारक हैं. शोध लेखकों ने लिखा, 'वायु प्रदूषण कार्डियो-ऑन्कोलॉजी के मामले में जोखिमपूर्ण भूमिका निभाता है.”  शोध के निष्कर्ष ‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (जेएसीसी): कार्डियो-ऑन्कोलॉजी' में प्रकाशित हुए हैं. (भाषा इनपुट के साथ)

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