अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) पर देशभर में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल याचिकाओं के बीच केंद्र सरकार भी अदालत पहुंची है. सरकार ने अपनी कैवियट याचिका दाखिल कर कोर्ट से आग्रह किया है कि मामले में उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश जारी ना किया जाए.
सशस्त्र बलों में केंद्र की अल्पकालिक भर्ती योजना 'अग्निपथ' को चुनौती देते हुए अब तक सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं. हालाँकि, कैविएट में विशेष रूप से किसी भी दलील का उल्लेख नहीं किया गया है.
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अधिवक्ता हर्ष अजय सिंह ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र सरकार को "अग्निपथ" भर्ती योजना पर पुनर्विचार करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की है. उनसे पहले एडवोकेट विशाल तिवारी और मनोहर लाल शर्मा ने भी कोर्ट में याचिका दायर की हैं.
इस बीच याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की है. उनकी मांग पर जस्टिस रविकुमार ने कहा कि सर्कुलर के मुताबिक मामले को CJI के सामने रखा जाएगा. वही सुनवाई की तारीख तय करेंगे. उन्होंने य़ाचिकाकर्ता से कहा कि आप रजिस्ट्रार के पास जाएं.
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मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि सरकार ने सशस्त्र बलों के लिए वर्षों पुरानी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है, जो संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है और इसके लिये संसद की मंजूरी भी नहीं ली गई है. शर्मा ने दायर याचिका में देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए कोर्ट से सबंधित अधिसूचना को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने का अनुरोध किया है.
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