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This Article is From Jun 26, 2022

'...क्या हम फिर वही गलती दोहराना चाहते हैं?' : अग्निपथ को लेकर BJP सांसद वरुण गांधी का केंद्र पर निशाना

वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने अपने ट्वीट में लिखा, " मैदान पर 6 वर्षों के मैराथन संघर्ष के बाद महज 4 वर्षों की सेवा छात्र कैसे स्वीकारेंगे?. पहले रोहतक (Rohtak) में सचिन और अब फतेहपुर में ‘विकास की आत्महत्या’ से देश का हर युवा व्यथित है.

'...क्या हम फिर वही गलती दोहराना चाहते हैं?' : अग्निपथ को लेकर BJP सांसद वरुण गांधी का केंद्र पर निशाना
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

बीजेपी (BJP) सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने एक बार फिर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को लेकर युवाओं की आवाज बुलंद की है. वरुण गांधी ने सेना भर्ती की तैयारी करने वाले छात्रों की आत्महत्या को लेकर आज एक ट्वीट किया है. वरुण ने अपने ट्वीट में लिखा, " मैदान पर 6 वर्षों के मैराथन संघर्ष के बाद महज 4 वर्षों की सेवा छात्र कैसे स्वीकारेंगे?. पहले रोहतक में सचिन और अब फतेहपुर में ‘विकास की आत्महत्या' से देश का हर युवा व्यथित है. सिर्फ संवादहीनता की वजह से किसान आंदोलन में सैकड़ों जानें गयी, क्या हम फिर वही गलती दोहराना चाहते हैं? इस ट्वीट के साथ ही वरुण गांधी ने एक मीडिया रिपोर्ट का वीडियो भी शेयर किया. उनका साफ कहना है कि सरकार को इस भर्ती योजना के बारे में देश के युवाओं के साथ बात करनी चाहिए. योजना में जो कमियां हैं उनको दूर करने के बाद ही इस योजना को लागू करना चाहिए. 

वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में केंद्र की मोदी सरकार को संवादहीन सरकार तक कह दिया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ संवादहीनता की वजह से किसान आंदोलन के समय सैकड़ों जानें गईं. क्या हम फिर वही गलती दोहराना चाहते हैं? बीजेपी सांसद वरुण गाधी आज पहली बार देश के युवाओं और सरकार के खिलाफ ट्वीट नहीं कर रहे हैं. इससे पहले भी लगातार वरुण गांधी कमियों को लेकर मोदी सरकार को घेरते रहे हैं. किसान आंदोलन हो या फिर युवाओं के रोजगार की बात हो वरुण गांधी इनके हक में सरकार के सामने आवाज उठाते रहते हैं. 

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वरुण गांधी ने एक दिन पहले ही ट्वीट किया था और कहा था कि जब देश के जवानों को पेंशन नहीं तो फिर जनप्रतिधियों को क्यों पेंशन मिलनी चाहिए. साथ ही वरुण गांधी ने सेना के जवानों के लिए अपनी पेंशन तक छोड़ने की बात कही थी. वरुण यहीं नहीं रुके थे, उन्होंने यहां तक कह दिया था कि सेना के जवानों के लिए कौन-कौन से जनप्रतिनिधि अपनी पेंशन छोड़ सकते हैं.  

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