विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य संगठनों की ओर से रविवार को पूर्वी दिल्ली में आयोजित ‘विराट हिंदू सभा' के कई कथित वीडियो सामने आए हैं. भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के बाद अब एक वीडियो में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद क्षेत्र के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि अगर किसी हिंदू की हत्या की जाती तो वह 'जिहादियों' को मारने से नहीं हिचकेंगे. इस तरह की खबरें थी कि इस कार्यक्रम में गुर्जर ने फरवरी 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में अपनी कथित संलिप्तता के बारे में बात की थी. हालांकि, विधायक ने इस बात से इनकार किया कि वह दंगों के दौरान दिल्ली में आए थे.
गुर्जर ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा' से कहा कि दिल्ली में हुए दंगों से मेरा क्या लेना-देना है? मैं वहां नहीं गया. मैंने उस कार्यक्रम में कहा था कि मैं लोनी में 25,000 लोगों के साथ तैयार था, इसलिए यहां कोई दंगा नहीं हुआ, जबकि दिल्ली में दंगे हुए.
सुंदर नगरी इलाके में एक हिदू युवक मनीष की इस महीने की शुरुआत में की गई हत्या के खिलाफ रविवार को इस सभा का आयोजन किया गया था. इसमें हिस्सा लेने वाले लोगों ने कथित रूप से नफरती भाषण दिए हैं, जिससे विवाद हो गया है.
सोशल मीडिया पर प्रसारित कार्यक्रम के कथित वीडियो में गुर्जर कहते सुने जा सकते हैं, 'सीएए को लेकर दिल्ली में दंगे हुए. जिहादियों ने हिंदुओं को मारना शुरू कर दिया. आप लोग वहां थे, आपने हमें अंदर घुसने दिया. मुझ पर ढाई लाख लोगों के साथ दिल्ली में प्रवेश करने का आरोप लगाया गया था'.
गुर्जर ने कहा, 'हम तो समझाने के लिए गए थे, लेकिन हम पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया कि हमने जिहादियों को मारने का काम किया'. उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी हिंदू को मारा जाएगा तो वह 'जिहादियों' को मारने से नहीं हिचकेंगे.
इस कार्यक्रम में पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने एक समुदाय का बहिष्कार करने का कथित रूप से आह्वान किया. दिल्ली पुलिस ने दिलशाद गार्डन इलाके में बिना इजाजत कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
शाहदरा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) आर. सत्यसुंदरम ने कहा कि पुलिस से अनुमति न लेने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) के तहत आयोजकों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.
विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि पुलिस कह रही है कि कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली गई थी, क्योंकि कार्यक्रम में पुलिस कर्मियों सहित हजारों लोग मौजूद थे.
बंसल ने दावा किया कि अनुमति की तो छोड़िए, हमने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सुझाव और सिफारिश के बाद दिलशाद गार्डन में रामलीला मैदान को आयोजन स्थल के लिए तय किया था. हमारी पहले मनीष के घर के पास बैठक करने की योजना थी, लेकिन पुलिस के अनुरोध पर स्थान बदलकर इसे रामलीला मैदान कर दिया गया.
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