 
                                            - साध्वी ऋतंभरा ने हिंदू लड़कियों के पहनावे और काम करने के तरीकों पर कटाक्ष करते हुए उन्हें नसीहत दी है.
- उन्होंने लड़कियों के नग्न होकर पैसा कमाने को शर्मनाक बताया और पिता-पतियों की सहमति पर सवाल उठाए.
- प्रेमानंद जी महाराज ने बच्चों के चरित्र गिरावट और सामाजिक आचरण में कमी को लेकर चिंता जताई थी.
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद जी महाराज के बाद अब साध्वी ऋतंभरा (Sadhvi Ritambhara's controversial statement) का लड़कियों पर विवादित बयान चर्चा में बना हुआ है. उन्होंने हिंदू लड़कियों के पहनावे और अन्य चीजों पर एक प्रवचन के दौरान जमकर कटाक्ष किया. उन्होंने खासकर रील बनाने वाली और छोटे पहनने वाली लड़कियों को निशाने पर लिया. साध्वी ने कहा कि ये देखकर शर्म आती है कि लड़कियों पैसा कमाने के लिए कैसे-कैसे गंदे काम करती हैं. उनके पिता और पति ये बर्दाश्त कैसे कर लेते हैं. दीदी मां के नाम से लोगों के बीच फेमस साध्वी ने क्या कुछ कहा, जानें.
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साध्वी ऋतंभरा ने लड़कियों पर क्या कहा?
"ये देखकर शर्म आती है, पैसा कमाओगे तुम, क्या नग्न होकर पैसा कमाओगे. गंदे ठुमके लगाकर और गंदे गाने गाकर पैसा कमाओगे. मुझे समझ नहीं आता कि उनके पतियों को ये स्वीकार कैसे है. उनके पिताओं को ये स्वीकार कैसे है. घर के भीतर गंदी कमाई आती है तो पितर लोक में तड़पने लग जाते हैं. लड़कियों को नसीहत देते हुए दीदी मां ने कहा कि भारत की देवियों आपका जीवन मर्यादित होना चाहिए. बुरा मत मानना... तुम चाहो तो कर सकती हो. तुम तो राक्षसों के घर में देवताओं को जन्म देती हो. तुमने दिया... तुमने कयाधु बनकर हिरण्यकश्यप के घर में प्रह्लाद को जन्म दिया. अगर तुम न चाहो तो विश्रवा ऋषि के घर में रावण जैसा राक्षस पैदा हो जाता है."
साध्वी ऋतंभरा के लड़कियों पर दिए इस विवादित बयान की जमकर आलोचना हो रही है. उनसे पहले अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद जी महाराज ने भी कुछ ऐसा कह दिया था जिस पर जमकर बवाल हुआ था.
प्रेमानंद जी महाराज ने क्या कहा था?
वृंदावन के प्रेमानंदजी महाराज (Premanand Ji Maharaj) ने आजकल के समय में लोगों के चरित्र में हो रही गिरावट को लेकर चिंता जताते हुए कहा था कि 'शादी के परिणाम अच्छे आएंगे कैसे. आजकल बच्चे और बच्चियों का चरित्र पवित्र नहीं है. माताओं-बहनों का पहले रहन-सहन देखो. हम अपने गांव की बता रहे हैं. वह बूढ़ी थीं, लेकिन इतने नीचे तक पल्लू था.' कहा, 'आजकल के बच्चे कैसी पोशाकें पहन रहे हैं. कैसा आचरण कर रहे हैं. एक लड़के से ब्रेकअप. फिर दूसरे से व्यवहार. फिर दूसरे से ब्रेकअप और फिर तीसरे से व्यवहार. व्यवहार व्यभिचार में परिवर्तित हो रहा है. कैसे शुद्ध होगा.'
प्रेमानंदजी महाराज ने चरित्र के पीछे खानपान और व्यभिचार का उदाहरण देते हुए कहा, 'मान लो हमें चार होटल का भोजन खाने की आदत पड़ गई है, तो घर की रसोई का भोजन अच्छा नहीं लगेगा. इसी तरह जब चार पुरुष से मिलने का आदत पड़ गई है, तो एक पति को स्वीकार करने की हिम्मत उसमें नहीं रह जाएगी.' लड़कों के संदर्भ में भी उन्होंने यही बात कही. उन्होंने कहा, 'जब चार लड़कियों से व्यभिचार करता है तो वह अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रहेगा. उसे चार से व्यभिचार करना पड़ेगा, क्योंकि उसने आदत बना ली है. हमारी आदतें खराब हो रही हैं.'
अनिरुद्धाचार्य ने क्या कहा था?
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के लड़कियों की उम्र को लेकर बड़बोलेपन शब्द बोल दिए थे, जिस पर जमकर बवाल हुआ था. उनके शब्द बहुत ही आपत्तिजनक थे. जिसके बाद उन्होंने इसके लिए माफी मांगी. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह महिलाओं का अपमान नहीं कर सकते. उन्होंने सफाई में कहा कि उनका बयान ऐसी लड़कियों के लिए था जो पराये पुरुष के लिए अपने पति को मार देती हैं.
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