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This Article is From Jul 29, 2016

35 साल बाद आधिकारिक गोपनीयता कानून मामले में व्यक्ति बरी

35 साल बाद आधिकारिक गोपनीयता कानून मामले में व्यक्ति बरी
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
  • इन पर गोपनीय सूचना लीक करने का आरोप
  • दोनों आरोपी 75 वर्ष से अधिक आयु के हैं
  • वर्तमान में वे जमानत पर रिहा हैं
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नई दिल्‍ली: पैंतीस साल पुराने एक मामले में यहां की एक विशेष अदालत ने पेट्रोलियम, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में एक निदेशक के पूर्व निजी सहायक और एक अन्य अधिकारी को गुरुवार को बरी कर दिया।

इन पर महाराष्ट्र और गुजरात में अमोनिया संयंत्र की स्थापना के बारे में गोपनीय सूचना लीक करने का आरोप था।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी केएल अरोड़ा और इंडस्ट्रियल कंसल्टिंग ब्यूरो के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक एनजी सेठ को आपराधिक षड़यंत्र और विश्वासघात एवं आधिकारिक गोपनीयता कानून के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोपों से बरी कर दिया।

सेठ के वकील सत्यनारायण वशिष्ठ ने कहा कि दोनों आरोपी 75 वर्ष से अधिक आयु के हैं और वर्तमान में वे जमानत पर रिहा हैं।

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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