भारत सरकार ने इस साल के पद्म पुरस्कारों (Padma Awards) की घोषणा कर दी है. बीजेपी के दिवंगत नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley), सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) और जॉर्ज फर्नांडिस (George Fernandes) को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय रक्षा मंत्री रह चुके दिवंगत बीजेपी नेता मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) को मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री अनिरूद्ध जगन्नाथ, बॉक्सर और राज्यसभा सांसद मैरीकॉम और गायक छन्नूलाल मिश्रा को भी पद्म विभूषण से नवाजा गया है. गायक और संगीतकार अदनान सामी (Adnan Sami) को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सामी को पद्मश्री दिए जाने पर अब विवाद भी शुरू हो गया है. उन्हें पद्मश्री दिए जाने पर राज ठाकरे (Raj Thackeray) की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने आपत्ति जाहिर की है.
MNS की ओर से कहा गया कि अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार देने में इतनी जल्दबाजी क्यों की गई है. पार्टी की सिनेमा विंग के प्रमुख अमय खोपकर ने ट्वीट किया, 'अदनान सामी मूल रूप से भारतीय नहीं हैं. एमएनएस का मानना है कि उन्हें कोई अवॉर्ड नहीं दिया जाना चाहिए. हम उन्हें पद्मश्री दिए जाने के फैसले का विरोध करते हैं. हमारी मांग है कि उनसे ये सम्मान वापस लिया जाए.'
पूर्व मंत्रियों अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और जॉर्ज फर्नांडीज को पद्म विभूषण से किया गया सम्मानित
दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी (Hardeep Puri) ने अदनान सामी को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने पर बधाई दी. साथ ही उन्होंने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को भी इस समझने की बात कही. उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रतिभा के धनी अदनान सामी को पद्मश्री दिए जाने पर बधाई. वो उन लोगों में से हैं जो भारत के संविधान में विश्वास रखते हैं और इसी वजह से उन्हें भारतीय नागरिकता दी गई. मुझे उम्मीद है कि शाहीन बाग इसे सुन रहा होगा. भारत नागरिकता छीनने में विश्वास नहीं करता है.'
अदनान सामी ने पद्मश्री से नवाजे जाने पर खुशी जताई. उन्होंने ट्वीट किया, 'किसी भी कलाकार के लिए वो महत्वपूर्ण क्षण होता है जब वहां की सरकार उसे पहचानती है. मैं बेहद खुश और आभारी हूं कि भारत सरकार द्वारा मुझे पद्मश्री सम्मान से नवाजा जा रहा है. संगीत के मेरे सफर को 34 साल हो गए हैं. बहुत शुक्रिया.' सामी को इस सम्मान से नवाजे जाने की वजह से केंद्र सरकार को ट्रोल भी किया जा रहा है. कई यूजर्स ने लिखा कि उनके पिता 1965 की जंग में पाकिस्तानी सेना के लिए हीरो थे, इसके बावजूद सामी को पद्मश्री से नवाजा जा रहा है. सामी ने कई यूजर्स को जवाब भी दिया.
गौरतलब है कि अदनान सामी ने साल 2015 में भारत सरकार से मानवीय आधार पर उन्हें भारतीय नागरिकता देने की अपील की थी. सामी ने गृह मंत्रालय को बताया था कि वह साल 2001 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे. उनकी अपील के बाद भारत सरकार ने तय मानकों के आधार पर उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की थी.
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