आदित्य ठाकरे का फाइल फोटो...
मुंबई:
शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य की महत्वाकांक्षी टैब योजना विवादों से घिर गई है। BMC में सभी विपक्षी दलों ने इस योजना के ख़िलाफ़ एकजुट होकर आवाज उठाई है। मुम्बई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने तो इस योजना पर भ्रष्टाचार का आरोप जड़ दिया है।
दरअसल, आदित्य, जो शिवसेना की युवा इकाई के प्रमुख भी हैं, चाहते हैं की बीएमसी स्कूलों में 8वीं से 10वीं कक्षा में पढ़ते छात्रों को उनका पाठ्यक्रम टैबलेट पर उपलब्ध कराया जाए। इस योजना की शुरुआत करते हुए आदित्य ने संवाददाताओं को बताया कि छात्रों के बस्तों का बोझ कम करने के लिए यह कारगर कदम होगा।
इस योजना को अमल में लाने के लिए BMC ने 22 हजार से कुछ ज्यादा टैब खरीदने का फैसला किया, जिसके लिए 239 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। इस काम के शुरुआती टेंडर 32 करोड़ 38 लाख रुपए के निकले, जो टेक्नो इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड कंपनी को मिला है।
कांग्रेस ने इस पूरी प्रक्रिया पर आपत्ति उठाते हुए इसमें गोलमाल होने का दावा किया है। पार्टी के मुम्बई अध्यक्ष संजय निरुपम ने शुक्रवार को इस बात पर एक प्रेस कांफ्रेस की। निरुपम ने कहा कि इस टेंडर के जरिए जो टैब छात्रों को दिया जा रहा है वह आउटडेटेड और बहुत महंगा है। शिवसेना इस प्रॉडक्ट को BMC को इसलिए भी खरीदवा रही है क्योंकि यह टैब उसके राज्यसभा सदस्य राजकुमार धूत की कंपनी विडियोकॉन के बनाए हुए हैं।
पार्टी ने अपनी आपत्तियों के साथ बीएमसी कमिश्नर को कहा है कि वह इस टेंडर को रद्द करें वरना इसके खिलाफ़ केंद्रीय दक्षता आयोग में शिकायत की जाएगी।
कांग्रेस की मांग है कि टैब से पढ़ाई हो, लेकिन उसके लिए पुराने टैब को छात्रों के मत्थे न मढ़ा जाए। कांग्रेस की तर्ज़ पर एनसीपी और एमएनएस समेत समाजवादी पार्टी ने भी इस टैब योजना को रद्द करने की मांग की है।
इस बीच विडियोकॉन कम्पनी के एमडी वेणुगोपाल धूत ने NDTV इंडिया से बात करते हुए कहा है कि "टेक्नो इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड इस कंपनी से न तो विडियोकॉन का कोई संबंध है न शिवसेना सांसद राजकुमार धूत का। हमारे खिलाफ लगे सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद है। हमें काम पाने के लिए किसी के सिफारिश की जरुरत नहीं।"
ख़ास बात है कि, टैब से पढ़ाई की अपनी योजना को लेकर आदित्य हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले और उन्होंने इस योजना को केंद्र सरकार से लागू करने का आग्रह भी किया। जाते-जाते वह अपना टैब प्रधानमंत्री को सुपुर्द भी कर आए।
दरअसल, आदित्य, जो शिवसेना की युवा इकाई के प्रमुख भी हैं, चाहते हैं की बीएमसी स्कूलों में 8वीं से 10वीं कक्षा में पढ़ते छात्रों को उनका पाठ्यक्रम टैबलेट पर उपलब्ध कराया जाए। इस योजना की शुरुआत करते हुए आदित्य ने संवाददाताओं को बताया कि छात्रों के बस्तों का बोझ कम करने के लिए यह कारगर कदम होगा।
इस योजना को अमल में लाने के लिए BMC ने 22 हजार से कुछ ज्यादा टैब खरीदने का फैसला किया, जिसके लिए 239 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। इस काम के शुरुआती टेंडर 32 करोड़ 38 लाख रुपए के निकले, जो टेक्नो इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड कंपनी को मिला है।
कांग्रेस ने इस पूरी प्रक्रिया पर आपत्ति उठाते हुए इसमें गोलमाल होने का दावा किया है। पार्टी के मुम्बई अध्यक्ष संजय निरुपम ने शुक्रवार को इस बात पर एक प्रेस कांफ्रेस की। निरुपम ने कहा कि इस टेंडर के जरिए जो टैब छात्रों को दिया जा रहा है वह आउटडेटेड और बहुत महंगा है। शिवसेना इस प्रॉडक्ट को BMC को इसलिए भी खरीदवा रही है क्योंकि यह टैब उसके राज्यसभा सदस्य राजकुमार धूत की कंपनी विडियोकॉन के बनाए हुए हैं।
पार्टी ने अपनी आपत्तियों के साथ बीएमसी कमिश्नर को कहा है कि वह इस टेंडर को रद्द करें वरना इसके खिलाफ़ केंद्रीय दक्षता आयोग में शिकायत की जाएगी।
कांग्रेस की मांग है कि टैब से पढ़ाई हो, लेकिन उसके लिए पुराने टैब को छात्रों के मत्थे न मढ़ा जाए। कांग्रेस की तर्ज़ पर एनसीपी और एमएनएस समेत समाजवादी पार्टी ने भी इस टैब योजना को रद्द करने की मांग की है।
इस बीच विडियोकॉन कम्पनी के एमडी वेणुगोपाल धूत ने NDTV इंडिया से बात करते हुए कहा है कि "टेक्नो इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड इस कंपनी से न तो विडियोकॉन का कोई संबंध है न शिवसेना सांसद राजकुमार धूत का। हमारे खिलाफ लगे सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद है। हमें काम पाने के लिए किसी के सिफारिश की जरुरत नहीं।"
ख़ास बात है कि, टैब से पढ़ाई की अपनी योजना को लेकर आदित्य हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले और उन्होंने इस योजना को केंद्र सरकार से लागू करने का आग्रह भी किया। जाते-जाते वह अपना टैब प्रधानमंत्री को सुपुर्द भी कर आए।
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