कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस के नेता होंगे. राहुल गांधी द्वारा यह पद ग्रहण करने से इनकार करने के बाद यह निर्णय लिया गया. मंगलवार सुबह लंबी रणनीतिक चर्चा के बाद यह फैसला किया गया. इस दौरान राहुल गांधी और उनकी मां और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी उपस्थित थीं. अधीर चौधरी का उल्लेख करते हुए लोकसभा को एक पत्र लिखा गया कि वो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता होंगे. पत्र में यह भी लिखा गया कि वो सभी महत्वपूर्ण चयन समितियों में पार्टी का प्रतिनिधित्व भी करेंगे.
मुजफ्फरपुर के सांसद ने बताया, इन चार कारणों से हो रही है बच्चों की मौत
कांग्रेस पार्टी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक पर भी फोकस करेगी. पीएम मोदी ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई है. कांग्रेस ने अलग-अलग तर्क देकर अभी तक इसका विरोध ही किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के चुनाव हारने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता का विकल्प देना जरूरी था. लेकिन कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर नरमी बरत रही थी क्योंकि वह इस पद के लिए राहुल गांधी को चाहती थी.
राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन इसे पार्टी ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. राहुल गांधी के इनकार के बाद कुछ हफ्तों से इस पर गतिरोध बना हुआ है. 17वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को बुलाए जाने के बाद आज यानी मंगलवार को कांग्रेस पार्टी ने अपने नेता का चुनाव किया.
अधीर रंजन चौधरी के साथ-साथ केरल के नेता के सुरेश, पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी और तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर भी इस पद के लिए दौड़ में शामिल थे. लेकिन अधीर रंजन चौधरी को उनके अनुभव के आधार पर लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुना गया.
VIDEO: वन नेशन वन इलेक्शन पर बोले विनय सहस्त्रबुद्धे- कई बार चुनाव से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं