मुम्बई:
रक्षा मंत्रालय उस भूमि के मालिकाना हक के लिए उच्चतम न्यायालय में जल्द ही मुकदमा दायर करेगा जिस पर विवादास्पद आदर्श इमारत खड़ी है।
रक्षा मंत्रालय के वकील अनिकेत निकम ने आज यह बात कही। निकम ने यह बात दो सदस्यीय न्यायिक आयोग की अंतरिम रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में कही जिसे कल राज्य विधानसभा में रखा गया था। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विवादास्पद भूमि महाराष्ट्र सरकार की थी।
आदर्श न्यायिक आयोग के समक्ष सुनवायी में रक्षा मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने वाले निकम ने कहा, ‘‘भूमि के टुकड़े पर मालिकाना हक अंतिम तौर पर आयोग की रिपोर्ट के आधार पर स्थापित नहीं हो सकता जिसका गठन जांच आयोग कानून के तहत किया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विवादास्पद सम्पत्ति पर मालिकाना हक एक उचित अदालत में मुकदमा दायर करके ही स्थापित हो सकता है जो कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय है।’’
निकम ने कहा कि रक्षा मंत्रालय मालिकाना हक के लिए मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने रिपोर्ट को एक ‘बहाना’ बताते हुए कहा कि आयोग ने रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई दलीलों पर विचार नहीं किया कि आदर्श भूमि उसकी है।
रक्षा मंत्रालय के वकील अनिकेत निकम ने आज यह बात कही। निकम ने यह बात दो सदस्यीय न्यायिक आयोग की अंतरिम रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में कही जिसे कल राज्य विधानसभा में रखा गया था। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विवादास्पद भूमि महाराष्ट्र सरकार की थी।
आदर्श न्यायिक आयोग के समक्ष सुनवायी में रक्षा मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने वाले निकम ने कहा, ‘‘भूमि के टुकड़े पर मालिकाना हक अंतिम तौर पर आयोग की रिपोर्ट के आधार पर स्थापित नहीं हो सकता जिसका गठन जांच आयोग कानून के तहत किया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘विवादास्पद सम्पत्ति पर मालिकाना हक एक उचित अदालत में मुकदमा दायर करके ही स्थापित हो सकता है जो कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय है।’’
निकम ने कहा कि रक्षा मंत्रालय मालिकाना हक के लिए मुकदमा दायर करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने रिपोर्ट को एक ‘बहाना’ बताते हुए कहा कि आयोग ने रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई दलीलों पर विचार नहीं किया कि आदर्श भूमि उसकी है।
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