दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की साइबर सेल (Cyber Cell) ने करीब 5 लाख लोगों के साथ ठगी करने वाले एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो अलग-अलग ऐप के जरिए निवेश कराने के नाम पर लोगों को ठगता था. हालांकि इन ऐप के पीछे चीनी नागरिक हैं. पुलिस ने दो चार्टड एकाउंटेंट समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है और 150 करोड़ से ज्यादा की ठगी का भंडाफोड़ किया है.
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से दो चार्टड एकाउंटेंट हैं. आरोप है कि ये लोग पावर बैंक, ईजी प्लान और सन फैक्टरी नाम के ऐप के जरिए ठगी का गोरखधंधा चला चला रहे थे. दिल्ली पुलिस ने पहले इन ऐप को खुद डाउनलोड किया और उस पर पेमेंट किया, तब इस ठगी का पता चला.
साइबर सेल के डीसीपी अनियेश रॉय ने बताया कि यह ऐप जिस डिवाइस में डाउनलोड हो रहे थे उसका डेटा चोरी कर रहे थे. यह डेटा बाहर के सर्वर में भेजा जा रहा था. चीन के सर्वर की आईपी थीं. इन ऐप में मनी पुश करने की स्कीम थी जो डेली बेसिस और हर घंटे के बेसिस पर थी. एक तरह का बिज़नेस मॉडल पेश कर रहे थे.
इस ऐप में बताया जा रहा था कि ऐप चलाने वाले बेंगलुरु से हैं और चार्जिंग के कारोबार में है. जो लोग पैसा निवेश करते थे उन्हें लुभाने के लिए शुरुआत में वे 10 प्रतिशत राशि वापस कर देते थे. यह भी कहते थे कि इसका लिंक अपने साथियों में शेयर करें.
अनियेश रॉय ने बताया कि जब हमने मनी ट्रेल को देखा तो पता चला कि जो पैसा है वह पेमेंट गेटवे से होते हुए बहुत सारी शेल कंपनी में जा रहा था. करोड़ों रुपये अलग-अलग एकाउंट में जा रहे थे और फिर वहां से लांडर करके 25 के आसपास शेल कंपनी और उनके बैंक एकाउंट में भेजे जा रहे थे.
पुलिस के मुताबिक जांच में पता चला है कि कोलकता के पास कुलबेरिया में इनका सेंटर है. वहां से 9 लोग पकड़े गए जबकि 2 लोग दिल्ली और गुरुग्राम से पकड़े गए. इसके पीछे 5-6 चीनी नागरिक हैं जो पहले भारत में रह चुके हैं. गुरुग्राम के रहने वाले सीए अविक केडिया ने 110 शेल कंपनी बनाकर चीनी नागरिकों को ट्रांसफर कर दीं. वह एक कंपनी के तीन लाख रुपये लेता था. जबकि एक चार्टेड एकाउंटेंट रौनक बंसल दिल्ली का है.
पांच लाख से ज्यादा लोगों ने इन ऐप पर निवेश किया जिन्हें करीब 150 करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा. पुलिस ने 97 लाख रुपये कैश बरामद किया है. पैसे क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से विदेश जा रहे थे. इनमें मुख्य आरोपी रोहित अली है.
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पुलिस का दावा है कि ये ऐप करीब 50 लाख से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं. ऐसे में ठगी के शिकार लोगों की संख्या बढ़ेगी और ठगी की रकम 250 से 300 करोड़ तक हो सकती है. और ये सब हुआ सिर्फ एक महीने में. पुलिस की अपील है कि ऐसे मोबाइल ऐप से से दूर रहें.
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