रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बैंकों से 2014 के बाद पांच ट्रिलियन रुपये की ठगी हुई है, पांच लाख करोड़ रुपये लूटकर फ्राड फ़रार हो गए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह सवाल उठाया है कि कि बैंकों से जालसाजी को रोकने में केंद्र सरकार क्यों विफल रही और ठगी की रकम की वसूली के लिए वह क्या कदम उठा रही है? हाईकोर्ट के फ़ैसले के बाद बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने कहा, 'ज़रूरी क्या है? अर्थव्यवस्था को बचाना और लोगों की जान को बचाना या मोदी महल बनाना? इसे न तो आर्थिक तौर पर, न वित्तीय तौर पर, न नैतिक तौर पर जायज़ ठहराया जा सकता. आप बस अपनी ज़िद पूरी कर रहे हो. '
गौरव वल्लभ ने सोमवार को डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हाल ही में RBI ने 2020-2021 के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की है, इसमें अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को लेकर कई चौंकाने वाले आंकड़े वाले हैं, इनमें बैंकों से ठगी से जुड़े आंकड़े भी हैं.'' कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ बैंक ठगी के मामलों में 2014-2015 के बाद तेज वृद्धि हुई है. अकेले 2020-21 में 1.38 लाख करोड़ रुपये की ठगी की गई. 2014-15 के मुकाबले ठगी की राशि 2014-15 एवं 2019-20 के बीच 57 फीसदी की दर से बढ़ी.''
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उन्होंने दावा किया कि अर्थव्यवस्था को पांच हजार अरब डॉलर तक पहुंचाने का सपना दिखाने वाली नरेंद्र मोदी सरकार यह कर नहीं पाई, लेकिन उसके शासन में सात वर्षों में बैंकों से करीब 500 अरब रुपये की ठगी की गई है. कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘‘पिछले सात वर्षों में मोदी सरकार बैंकों के साथ ठगी रोकने में विफल क्यों हो गई? ठगी के सभी मामलों में रकम को वापस हासिल करने के लिए सरकार क्या कर रही है? बैंकिंग व्यवस्था को कमजोर करने ठगों से अब तक कितना पैसा अभी तक वसूला गया?''वल्लभ ने कहा, ‘‘अगर यह राशि वसूल ली जाए तो गरीब परिवारों को सालाना 72000 रुपये की मदद दी जा सकती है. देश में 500 एम्स खोले जा सकते हैं. आम लोगों को आयकर में बड़ी राहत मिल सकती है.'' (भाषा से भी इनपुट)
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