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This Article is From May 14, 2022

"जब इमारत ही गैरकानूनी तो फायर NOC कैसे", मुंडका में आग को लेकर आप ने MCD पर उठाए गंभीर सवाल

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के मुंडका (Mundika) इलाके की बिल्डिंग में लगी आग (Fire) के बाद आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने MCD पर गंभीर सवाल उठाए.

"जब इमारत ही गैरकानूनी तो फायर NOC कैसे", मुंडका में आग को लेकर आप ने MCD पर उठाए गंभीर सवाल
एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने बीजेपी की एमसीडी  पर  भ्रष्टाचार का आरोप लगाया.
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के मुंडका (Mundika) इलाके की बिल्डिंग में लगी आग (Fire) के बाद आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने MCD पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होने कहा कि जहां यह बिल्डिंग है, वह एक्सटेंडेड लाल डोरा की जमीन है. इस तरह की प्रॉपर्टी पर कोई कमर्शल एक्टिविटी नहीं हो सकती है. 2016 में एमसीडी ने इसका लाइसेंस इशु किया था, लेकिन 1 साल बाद किसी की शिकायत पर उस लाइसेंस को कैंसिल कर दिया गया. लेकिन उसके बावजूद पूरी एक्टिविटी चलती रही. फिर 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटी ने इस बिल्डिंग को सील कर दिया. इसका फर्स्ट फ्लोर पूरी तरह से सील था, पेनल्टी भी लगाई गई, एमसीडी ने पेनल्टी भी वसूला. लेकिन उसके बावजूद मॉनिटरिंग कमिटी ने सीलिंग नहीं खोली. आजतक यह बिल्डिंग सील है, लेकिन इसमें कमर्शियल एक्टिविटी हो रही थी. 

यह बिल्डिंग भी पूरी तरह से इलीगल है. इसका नक्शा पास नहीं कराया गया था. दिल्ली में कोई भी बिल्डिंग बिना एमसीडी से नक्शा पास कराए नहीं बन सकती है. यानी इसकी पूरी जानकारी बीजेपी की एमसीडी के पास थी, लेकिन उन्होंने आंख बंद रखी. इसमें भ्रष्टाचार किया गया, बिना भ्रष्टाचार के ऐसी एक्टिविटी नहीं हो सकती थी.

दिल्ली सरकार द्वारा फायर NOC न दिए जाने के आरोपों पर उन्होने सवाल उठाया कि फायर एनओसी तो तब दी जा सकती है, जब बिल्डिंग लीगल हो. जब यह बिल्डिंग ही इलीगल है, तो ये फायर एनओसी के लिए कैसे अप्लाई कर सकते थे. बीजेपी यह बताए कि इन्होंने फायर एनओसी के लिए कहां अप्लाई किया था. 

 दुर्गेश पाठक ने कहा बिना फैक्ट्री लाइसेंस और फायर NOC वाली औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई के नॉर्थ एमसीडी के आदेश पर हजारों बार एमसीडी ऐसे आर्डर देती रहती है. ऐसे आर्डर से इनकी लूट का सिस्टम बन जाता है. बीजेपी इसका जवाब दे कि जब कंपनी के पास कमर्शियल लाइसेंस नहीं था, फिर कमर्शियल एक्टिविटी कैसे चलने दी गई. जब बिल्डिंग का नक्शा पास नहीं था, तो फिर उस बिल्डिंग में कैसे काम हो रहा था. जब मॉनिटरिंग कमिटी ने इसे सील कर दिया था और एमसीडी ने उसपर पेनाल्टी भी ले ली थी, तो फिर कैसे उसमें कमर्शियल एक्टिविटी हो रही थी.


 

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