विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Oct 17, 2023

"सत्य और न्याय की जीत" : दिल्ली HC से राहत मिलने के बाद बोले AAP सांसद राघव चड्ढा

एक्स पर एक पोस्ट में आम आदमी पार्टी के सांसद ने लिखा कि यह लड़ाई किसी घर या दुकान की नहीं है, यह संविधान बचाने की लड़ाई है.

Read Time: 5 mins
"सत्य और न्याय की जीत" : दिल्ली HC से राहत मिलने के बाद बोले AAP सांसद राघव चड्ढा
नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) द्वारा मंगलवार को ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने के बाद आप सांसद राघव चड्ढा को अपना सरकारी बंगला अभी खाली नहीं करना पड़ेगा.  चड्ढा ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपील की थी, जिसने राज्यसभा सचिवालय (Rajya Sabha Secretariat) को उन्हें आवंटित सरकारी बंगले से हटाने से रोकने वाले अंतरिम आदेश से रोक हटा दी थी. 

अदालत के फैसले पर राघव चड्ढा ने कहा है कि ये मकान या दुकान की नहीं, संविधान को बचाने की लड़ाई है. अंततः सत्य और न्याय की जीत हुई. मेरे खिलाफ पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने के माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूं.  मेरे आवास के आवंटन को रद्द करना साफ तौर से राजनीति प्रतिशोध का मामला था. इसके पीछे मकसद एक युवा और मुखर सांसद की आवाज को दबाना था. 

"निर्णय पूरी तरह से मनमाना, अनुचित और अन्यायपूर्ण था"

मेरे आधिकारिक आवास को रद्द करने का निर्णय पूरी तरह से मनमाना, अनुचित और अन्यायपूर्ण था, जो राजनीतिक बदले की भावना को दर्शाता है. भारतीय लोकतंत्र के 70 साल के इतिहास में यह घटना संभवतः एक प्रतीक के तौर पर है, जब राज्यसभा के एक सदस्य को सरकार से सवाल पूछने और जवाबदेह बनाने पर इस हद तक उत्पीड़न और प्रताणना का शिकार होना पड़ा. मेरे सरकारी आवास का आवंटन रद्द करना न सिर्फ दुर्भावानापूर्ण इरादे से प्रेरित था, बल्कि इसमें तय नियमों का भी गंभीर रूप से उल्लंघन किया गया था. 

बलिदान चुकाने के लिए सदा तैयार हूं: चड्ढा

आप सांसद ने कहा कि लाखों भारतीयों की चिंताओं का प्रतिनिधित्व विपक्ष की आवाजें करती हैं, जिन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है. अब तक मैंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जवाबदेह ठहराते हुए संसद में दो भाषण दिए हैं. मेरे पहले भाषण के बाद, मेरा आधिकारिक आवास रद्द कर दिया गया. मेरे दूसरे भाषण के बाद मुझे राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया. कोई भी सांसद तभी जनता की आवाज बन सकता है और जनता की आवाज को संसद के अंदर मुखर तौर पर उठा सकता है, जब उसे यह चिंता न सताए कि उसके मुखर, ईमानदार और कठिन सवालों की कीमत उसे नहीं चुकानी पड़ेगी. हालांकि, मैं डरता नहीं हूं और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को बनाए रखने और सरकार को उसके कुकर्मों के लिए जवाबदेह ठहराने की कोई कीमत और बलिदान चुकाने के लिए सदा तैयार हूं.

गौरतलब है कि न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने ‘आप' नेता की अपील पर आदेश पारित करते हुए कहा कि 18 अप्रैल को निचली अदालत ने राज्यसभा सचिवालय को निर्देश दिया था कि वह चड्ढा से बंगला खाली नहीं कराए और यह रुख बहाल किया जाता है एवं यह तब तक प्रभावी रहेगा जब तक निचली अदालत अंतरिम राहत के उनके आवेदन पर फैसला नहीं करती.  चड्ढा ने निचली अदालत के पांच अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी थी जिसने अप्रैल के अपने अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया था. 

चड्ढा के वकील ने उच्च न्यायालय में कहा कि सांसद को खतरे के मद्देनजर उन्हें ‘जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है और सुरक्षा कर्मियों की बड़ी टुकड़ी को आवास पर तैनात करने की जरूरत है. सुरक्षाकर्मियों को पूर्व में पंडारा रोड पर आवंटित आवास में नहीं रखा जा सकता था. पंजाब की ‘आप' सरकार ने चड्ढा को ‘जेड प्लस' सुरक्षा मुहैया कराई है जहां से वह राज्यसभा सदस्य हैं. 

ये भी पढ़ें- 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
" माफी मांगनी चाहिए...": राहुल गांधी के 'हिन्दूओं' पर दिए बयान पर अमित शाह ने जताई आपत्ति
"सत्य और न्याय की जीत" : दिल्ली HC से राहत मिलने के बाद बोले AAP सांसद राघव चड्ढा
असदुद्दीन ओवैसी के आवास में नेम प्लेट पर कालिख पोती गई, पोस्टर चिपकाए
Next Article
असदुद्दीन ओवैसी के आवास में नेम प्लेट पर कालिख पोती गई, पोस्टर चिपकाए
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;