आप के नेता संजय सिंह ने चुनाव आयोग के ईवीएम चैलेंज के स्वरूप पर आपत्ति जताई है.
नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी ने आज चुनाव आयोग से मुलाकात कर आगामी 3 जून को होने वाले ईवीएम चैलेंज के स्वरूप पर आपत्ति जताई. आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने बताया कि "हम यहां समझने आए थे कि 3 जून का चैलेंज कैसे आयोजित होगा. चुनाव आयोग ने जो बताया उससे तो ऐसे लगता है कि ईवीएम दिखाई जाएगी, ईवीएम को आप देख सकते हैं लेकिन किसी भी तरह का टूल इस्तेमाल नहीं कर सकते, किसी तरह से अपने डिवाइस से चेक नहीं कर सकते, तो इसका मतलब ये तो सिर्फ एक तरह का दिखावा होगा."
संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने आयोग से मांग की है कि उनको ईवीएम का मदर बोर्ड बदलने दीजिए हमारे हिसाब से 90 सेकंड में मदर बोर्ड बदला जा सकता है. संजय सिंह के मुताबिक " हम यह कहना चाहते हैं कि हमको ईवीएम का मदर बोर्ड बदलने की इजाज़त दीजिए. अगर मदर बोर्ड बदलने पर ईवीएम काम नहीं करती तो हम गलत साबित होंगे और चुनाव आयोग सही. लेकिन अगर आप मदर बोर्ड नहीं बदलने दे रहे हैं, अगर आप टूल्स इस्तेमाल नहीं करने दे रहे हैं, अगर आप इस मशीन को खोलकर चेक ही नहीं करने दे रहे हैं तो ईवीएम चैलेंज एक दिखावा है. मंत्र पढ़कर कोई ईवीएम टैम्पर नहीं कर सकता."
संजय सिंह से जब पूछा गया कि अगर चुनाव आयोग आपकी मांग को नहीं मानता तो क्या आप 3 जून को चुनाव आयोग की चुनौती में हिस्सा लेंगे? संजय सिंह ने कहा "हमने चुनाव आयोग के सामने अपनी मांग रखी है. उन्होंने कहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त से बात करके बताएंगे. तो जब तक उनका कोई जवाब नहीं आ जाता तब तक हम 3 जून को शामिल होंगे या नहीं इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी."
सूत्रों के मुताबिक यह तय है कि चुनाव आयोग का चैलेंज मौजूदा स्वरूप में आम आदमी पार्टी स्वीकार नहीं करेगी. लेकिन वह धर्म संकट में है क्योंकि ईवीएम टेम्पेरिंग का सबसे ज़्यादा हल्ला उसी ने मचाया था और चुनाव आयोग को जमकर ललकारा था. लेकिन जब चुनाव आयोग ने चुनौती घोषित की तो उसका स्वरूप या शर्तें आम आदमी पार्टी को मंजूर नहीं क्योंकि वह शुरू से मदर बोर्ड बदलकर ईवीएम में छेड़छाड़ का दावा कर रही है. ऐसे में अगर वह यूं ही चुनौती नकार देगी तो उसकी जगहंसाई और बदनामी होगी. ऐसे में अब उसको चुनाव आयोग के जवाब का इंतज़ार है जिसके बाद वह इस पर अंतिम फैसला लेगी.
आपको बता दें कि 3 जून को होने वाले ईवीएम टेम्पेरिंग चैलेंज के लिए पॉलिटिकल पार्टियों को 26 मई तक अपने प्रतिनिधियों के नाम और जिस राज्य की जिस विधानसभा सीट पर इस्तेमाल हुई ईवीएम चाहिए उसकी जानकारी देनी होगी. केवल दो दिन रह गए हैं. चुनाव आयोग के पास किसी पार्टी ने इस चैलेंज को नहीं स्वीकारा है.
संजय सिंह ने कहा कि उन्होंने आयोग से मांग की है कि उनको ईवीएम का मदर बोर्ड बदलने दीजिए हमारे हिसाब से 90 सेकंड में मदर बोर्ड बदला जा सकता है. संजय सिंह के मुताबिक " हम यह कहना चाहते हैं कि हमको ईवीएम का मदर बोर्ड बदलने की इजाज़त दीजिए. अगर मदर बोर्ड बदलने पर ईवीएम काम नहीं करती तो हम गलत साबित होंगे और चुनाव आयोग सही. लेकिन अगर आप मदर बोर्ड नहीं बदलने दे रहे हैं, अगर आप टूल्स इस्तेमाल नहीं करने दे रहे हैं, अगर आप इस मशीन को खोलकर चेक ही नहीं करने दे रहे हैं तो ईवीएम चैलेंज एक दिखावा है. मंत्र पढ़कर कोई ईवीएम टैम्पर नहीं कर सकता."
संजय सिंह से जब पूछा गया कि अगर चुनाव आयोग आपकी मांग को नहीं मानता तो क्या आप 3 जून को चुनाव आयोग की चुनौती में हिस्सा लेंगे? संजय सिंह ने कहा "हमने चुनाव आयोग के सामने अपनी मांग रखी है. उन्होंने कहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त से बात करके बताएंगे. तो जब तक उनका कोई जवाब नहीं आ जाता तब तक हम 3 जून को शामिल होंगे या नहीं इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी."
सूत्रों के मुताबिक यह तय है कि चुनाव आयोग का चैलेंज मौजूदा स्वरूप में आम आदमी पार्टी स्वीकार नहीं करेगी. लेकिन वह धर्म संकट में है क्योंकि ईवीएम टेम्पेरिंग का सबसे ज़्यादा हल्ला उसी ने मचाया था और चुनाव आयोग को जमकर ललकारा था. लेकिन जब चुनाव आयोग ने चुनौती घोषित की तो उसका स्वरूप या शर्तें आम आदमी पार्टी को मंजूर नहीं क्योंकि वह शुरू से मदर बोर्ड बदलकर ईवीएम में छेड़छाड़ का दावा कर रही है. ऐसे में अगर वह यूं ही चुनौती नकार देगी तो उसकी जगहंसाई और बदनामी होगी. ऐसे में अब उसको चुनाव आयोग के जवाब का इंतज़ार है जिसके बाद वह इस पर अंतिम फैसला लेगी.
आपको बता दें कि 3 जून को होने वाले ईवीएम टेम्पेरिंग चैलेंज के लिए पॉलिटिकल पार्टियों को 26 मई तक अपने प्रतिनिधियों के नाम और जिस राज्य की जिस विधानसभा सीट पर इस्तेमाल हुई ईवीएम चाहिए उसकी जानकारी देनी होगी. केवल दो दिन रह गए हैं. चुनाव आयोग के पास किसी पार्टी ने इस चैलेंज को नहीं स्वीकारा है.
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