केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद सियासत शुरू हो गई है. विपक्ष की पार्टियां सरकार को लगातार आंकड़ों का खेल करके जनता को बेवकूफ बनाने का आरोप लगा कर घेर रहीं हैं. इसी क्रम में रविवार को आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. पार्टी की ओर से आंकड़े पेश करते हुए ये कहा गया है, " पीएम मोदी का पेट्रोल-डीजल प्राइस पर मास्टरस्ट्रोक! 13 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाओ, 5 बार घटाओ, फिर बोलो वाह! पीएम मोदी वाह! तेल का खेल तो कोई मोदी से सीखे. दाम कम करने का झांसा, मोदी सरकार ने पब्लिक को फांसा."
बता दें कि पार्टी द्वारा किए गए ट्वीट में साल 2014 (जब बीजेपी सरकार में आई थी) से 2022 तक ईंधन की कीमतों में की गई बढ़ोतरी और कमी की एक रिपोर्ट पेश करते हुए ये दावा किया गया है कि पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं महंगा हुआ है. एक्साइज में कटौती के बाद भी पेट्रोल 10 रुपये 43 पैसे और डीजल 12 रुपये 24 पैसे महंगा हुआ है. ऐसे में आंकड़ों का खेल करके सरकार जनता ठग रही है. बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने भी सरकार पर आंकड़ों का खेल करने का आरोप लगाया था. इस पर केंद्रीय मत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया था.
PM Modi का #PetrolDieselPrice पर Masterstroke!
— AAP (@AamAadmiParty) May 22, 2022
13 बार Excise Duty बढ़ाओ, 5 बार घटाओ, फिर बोलो "वाह! मोदी जी वाह!" pic.twitter.com/VLCqfK4xcD
उन्होंने एक के बाद एक किए कई ट्वीट में जहां विपक्ष को ये समझाया कि ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी की कटौती से राज्य सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, ये भी बताया कि जितना काम एनडीए सरकार ने आठ सालों में किया है, उतना काम यूपीए सरकार 10 सालों में भी नहीं कर पाई थी.
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, " "बेसिक एक्साइज ड्यूटी (बीईडी), स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी (एसएईडी), रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (आरआईसी) और एग्रीकल्चर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (एआईडीसी) मिलकर पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बनाते हैं. बेसिक ईडी राज्यों के साथ साझा की जाती है. जबकि SAED, RIC और AIDC साझा नहीं की जाती है."
मंत्री ने कहा, " पेट्रोल पर ₹8/लीटर और डीजल पर ₹6/लीटर की उत्पाद शुल्क में कमी जो आज से प्रभावी है, पूरी तरह से रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (RIC) में की गई है. यही नहीं नवंबर 2021 में पेट्रोल में ₹5/लीटर और डीजल में ₹10/लीटर की अंतिम उत्पाद शुल्क में कटौती भी पूरी तरह से आरआईसी में की गई थी. मूल ईडी जो राज्यों के साथ साझा की जाती है को छुआ तक नहीं गया है. इसलिए, इन दो शुल्क कटौती के फैसलों का पूरा बोझ केंद्र द्वारा वहन किया जा रहा है."
यह भी पढ़ें -
असम में भारी बाढ़ के बाद वायु सेना का व्यापक पैमाने पर बचाव अभियान
Video: एचएस प्रणय ने कहा- हम में से किसी ने नहीं सोचा था कि हम थॉमस कप में गोल्ड जीतकर आएंगे
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं