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This Article is From Aug 12, 2022

20 करोड़ की हेरोइन के साथ एक शख्स गिरफ्तार, म्यांमार से मणिपुर के रास्ते दिल्ली लायी गई थी खेप

गिरफ्तार ड्रग सप्लायर से पूछताछ में पता चला कि वह एक बड़े अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक ड्रग कार्टेल का सदस्य था. उसने खुलासा किया है कि वह पिछले 7 सालों से दिल्ली-एनसीआर और यूपी, बिहार, झारखंड के कुछ हिस्सों में ड्रग्स सप्लाई करता है.

20 करोड़ की हेरोइन के साथ एक शख्स गिरफ्तार, म्यांमार से मणिपुर के रास्ते दिल्ली लायी गई थी खेप
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने 4 किलो हेरोइन के साथ एक शख्स को गिरफ्तार किया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में बरामद हेरोइन की कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है. यह भारत में म्यांमार से मणिपुर के रास्ते मंगवाई गई थी और इसे दिल्ली में सप्लाई किया जाना था. गिरफ्तार सप्लायर पिछले 7 साल से दिल्ली और दूसरी जगहों पर नशीले पदार्थ सप्लाई कर रहा था.

स्पेशल सेल के डीसीपी मनीषी चंद्रा के मुताबिक स्पेशल सेल की एक टीम इस सूचना पर काम कर रही थी कि मणिपुर, असम, यूपी, बिहार और दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स कार्टेल सक्रिय है. इस कार्टेल के सदस्य म्यांमार से हेरोइन मणिपुर मंगाते थे और दिल्ली एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में इसकी सप्लाई करते थे. 9 अगस्त को टीम को एक विशेष सूचना मिली कि इस गिरोह के एक सदस्य अखिलेश कुमार रे ने बिहार से हेरोइन की एक बड़ी खेप ली है. वो 9 अगस्त को शाम 6.30 बजे से 7.30 बजे के बीच दिल्ली के गाजीपुर रोड स्थित ईडीएम मॉल के सामने अपने एक संपर्क को हेरोइन पहुंचाने के लिए आएगा.

इंस्पेक्टर शिव कुमार के नेतृत्व में टीम बनाकर जाल बिछायी गई. शाम करीब 6.45 बजे ईडीएम मॉल की ओर से एक शख्स आता हुआ दिखाई दिया, उसके दाहिने हाथ में बैग था. उसकी पहचान अखिलेश कुमार रे के रूप में हुई, जो मॉल के सामने किसी का इंतजार करने लगा. शाम करीब सात बजे टीम के सदस्यों ने अखिलेश कुमार को घेरकर दबोच लिया. अखिलेश के बैग की तलाशी में 4 किलो हेरोइन बरामद हुई.

गिरफ्तार ड्रग सप्लायर से पूछताछ में पता चला कि वह एक बड़े अंतरराष्ट्रीय नारकोटिक ड्रग कार्टेल का सदस्य था. उसने खुलासा किया है कि वह पिछले 7 सालों से दिल्ली-एनसीआर और यूपी, बिहार, झारखंड के कुछ हिस्सों में ड्रग्स सप्लाई करता है. उसने आगे कहा है कि उसने बिहार के हाजीपुर जिले के एक शख्स से हेरोइन खरीदी थी और वो हेरोइन एक शख्स को दिल्ली देने आया था.

उसने यह भी कहा कि वह अपने दो सहयोगियों के साथ मणिपुर के एक मुल्ला जी से हेरोइन प्राप्त करता था, जो हेरोइन का एक बड़ा सप्लायर है. गिरफ्तार अखिलेश ने आगे खुलासा किया कि हेरोइन के सप्लायर के म्यांमार में संबंध हैं और वह मणिपुर से म्यांमार होते हुए हेरोइन मंगाता है. म्यांमार से मणिपुर में लाई गई अधिकांश हेरोइन को आगे असम और अरुणाचल प्रदेश के आसपास के राज्यों में भेजा जाता है. उसके और सिंडिकेट के अन्य सदस्यों द्वारा दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में ये हेरोइन भेजी जाती है. इस मामले की जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों और मणिपुर के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में भी अफीम से हेरोइन बनाई जाती है, जिसकी वहां अवैध रूप से खेती की जाती है.

अखिलेश कुमार रे ने जानकारी दी कि म्यांमार और मणिपुर से तस्करी की गई हेरोइन की गुणवत्ता देश के कुछ हिस्सों में अफीम की वैध खेती के पारंपरिक क्षेत्रों में अफीम से निर्मित हेरोइन से काफी बेहतर है. यही कारण है कि म्यांमार और मणिपुर में निर्मित हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भारत में भी अत्यधिक मांग है. पिछले 7-8 सालों में म्यांमार से मणिपुर के रास्ते दिल्ली-एनसीआर सहित देश के अन्य हिस्सों में हेरोइन की तस्करी का प्रमुख नया मार्ग बन गया है. म्यांमार और मणिपुर से लाई गई हेरोइन न केवल लागत में तुलनात्मक रूप से सस्ती है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश के बरेली, बदायूं, बाराबंकी, मध्य प्रदेश के मंदसौर और झालावाड़, चित्तौड़गढ़ के कानूनी रूप से खेती की जाने वाली अफीम के क्षेत्रों में निर्मित हेरोइन की तुलना में बहुत अच्छी गुणवत्ता की है.

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