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18 बांग्लादेशी नागरिक बेनकाब! 8 गिरफ्तार, 6 को FRRO के जरिए से देश निकाला

प्रवासी अपने पहले से बसे रिश्तेदारों या संपर्कों के जरिए  ठिकाने और सहायता लेते है. जिनका कोई संपर्क नहीं होता था, वे अस्थायी ठिकानों में रहते थे. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इन्हें कूड़ा बीनने, सफाई और डिलीवरी जैसी नौकरियों में लगाया जाता था.

18 बांग्लादेशी नागरिक बेनकाब! 8 गिरफ्तार, 6 को FRRO के जरिए से देश निकाला
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की साउथ डिस्ट्रिक्ट टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के एक संगठित नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया. इस अभियान में फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने, गैरकानूनी रोजगार और हवाला के जरिए पैसे के लेन-देन का पर्दाफाश हुआ है.

जांच के दौरान 8 अवैध बांग्लादेशी प्रवासी पाए गए, जिनमें से 6 को FRRO, नई दिल्ली के जरिए वापस भेजा गया, जबकि 4 अन्य संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है. साथ ही, 8 भारतीय नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने इन प्रवासियों को शरण, नौकरी और फर्जी भारतीय दस्तावेज उपलब्ध कराए. बता दें कि FRRO.. भारत में आने वाले विदेशी नागरिकों के पंजीकरण और आव्रजन संबंधी कार्यों के प्रशासन के लिए जिम्मेदार एक भारतीय सरकारी एजेंसी है.

मोहम्मद मुईनुद्दीन इस पूरे फर्जी दस्तावेज रैकेट का मास्टरमाइंड था. वह दिल्ली में एक कंप्यूटर दुकान चलाता था और फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट तैयार करता था. उसके सहयोगी जुल्फिकार अंसारी, जावेद और फरमान खान आधार कार्ड एजेंट के रूप में काम कर रहे थे और अवैध प्रवासियों के दस्तावेजों को सरकारी सिस्टम में दर्ज करवा रहे थे.

प्रवासी अपने पहले से बसे रिश्तेदारों या संपर्कों के जरिए  ठिकाने और सहायता लेते है. जिनका कोई संपर्क नहीं होता था, वे अस्थायी ठिकानों में रहते थे. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इन्हें कूड़ा बीनने, सफाई और डिलीवरी जैसी नौकरियों में लगाया जाता था. कई भारतीय नियोक्ता इन्हें जानबूझकर काम पर रखते थे. मुईनुद्दीन और उसके साथियों द्वारा तैयार आधार, पैन, वोटर आईडी और पासपोर्ट अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिक के रूप में स्थापित करने में मदद करते थे.

नकदी को भारतीय बैंक खातों में डालकर यूपीआई के माध्यम से सीमावर्ती एजेंटों को ट्रांसफर किया जाता था. यह पैसा हवाला के जरिए बांग्लादेश में इनके परिवारों तक पहुंचता था.

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