सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से केंद्रीय कर्मचारियों में रोष है...
नई दिल्ली:
सातवां वेतन आयोग की रिपोर्ट के लागू होने के बाद देश के 47 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 53 लाख पेंशनधारियों के वेतन में वृद्धि हुई. इसी साथ जितना केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन वृद्धि की खुशी मिली उससे ज्यादा उनकी वेतन आयोग से जुड़ी अपेक्षा धराशायी हो गईं. केंद्रीय कर्मचारियों ने सरकार के समक्ष कई मुद्दों को लेकर विरोध जताया. नाराजगी इतनी बढ़ी कि कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया था जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने कर्मचारी नेताओं से मिलकर बातचीत का रास्ता निकाला और फिर सरकार ने तीन अहम समितियों का गठन किया. सरकार की इस समितियों ने कर्मचारी संघों के 13 प्रतिनिधियों से बात की है. इन समितियों को चार महीने में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने की जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन सात महीने से ज्यादा बीत चुके हैं और एक भी समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को अभी तक सौंपी नहीं है. समितियों की रिपोर्ट आने में जहां इतनी देरी हो रही है इससे कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है. वहीं, संसद में भी सांसद इससे जुड़े सवाल पूछ रहे हैं. अब तक तीन बार संसद में इस मुद्दे पर सवाल किए जा चुके हैं.
शुक्रवार (24-3-2017) को संसद में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि समिति की रिपोर्ट में देरी का एक अहम कारण यह है कि समिति को लंबे अर्से तक कर्मचारियों से मांगों के संबंध में आवेदन प्राप्त हो रहे हैं. इस वजह से समितियों को इनके अध्ययन में काफी समय लगा है. (सातवां वेतन आयोग : कर्मचारी नेताओं के साथ आज होगी अलाउंस समिति की अहम बैठक)
आइए पढ़ें सांसद द्वारा पूछा गया सवाल और मंत्री द्वारा संसद में दिया गया बयान.
पिछले शुक्रवार को सांसद सीआर पाटिल ने भी संसद में सातवें वेतन आयोग से जुड़ा सवाल पूछा. उनके द्वारा भी यह साफ पूछा गया कि
क्या वित्तमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि
क) क्या सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन पर केंद्रीय सरकार के भत्तों के मुद्दों की जांच पर गठित भत्ता समिति ने अपनी रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है.
ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्योरा क्या है और विस्तार हेतु सरकार की स्वीकृति के बिना अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विलंब के क्या कारण हैं.
ग) समिति अपने दृष्टिकोण ढुलमुल रवैया न अपनाए और सरकार द्वारा मामले का शीघ्र निपटान करने के लिए क्या कदम उठाए गए/उठाए जा रहे हैं.
घ) सरकार द्वारा उक्त रिपोर्ट की प्राप्ति पर अंतिम निर्णय लेने में लगभग कितना समय लिया जाएगा.
इस प्रश्न के जवाब में वित्तमंत्रालय में राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि
क) से घ) 22 जुलाई 2016 के आदेश के तहत भत्तों संबंधी समिति गठित की गई है. समिति को यह जांच और सिफारिश करनी है कि भत्तों के संबंध में सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश में क्या कोई परिवर्तन अपेक्षित है, और यदि हां, तो किस रूप में. समिति को भत्तों के संबंध में बड़ी संख्या में मांगें प्राप्त हुई हैं और इस संबंध में अभी भी मांगें प्राप्त हो रही हैं. सभी मांगों पर गहराई से अध्ययन किया जा रहा है. समिति की अब तक 13 बैठकें हो चुकी हैं. इसमें समिति ने कई केंद्रीय संघों के प्रतिनिधियों से बात की है. समिति ने बड़ी संख्या में प्राप्त मांगों को देखते हुए शुरू में निर्धारित समय से अपेक्षाकृत अधिक समय लिया है. यह समिति अब अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रही है. समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दिए जाने के बाद रिपोर्ट के कार्यान्वयन के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
इससे पहले भी 10.3.2017 को सांसद वी. एलुमलाई ने संसद में सातवें वेतन आयोग से जुड़ा यह सवाल पूछा था.
सरकारी कर्मचारियों के भत्ते संबंधी मुद्दे
क्या प्रधानमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि
(क) क्या सरकारी कर्मचारियों के संघों ने 7वें वेतन आयोग द्वारा दी गई सिफारिश पर भत्तों संबंधी लंबित मुद्दों पर शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है.
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्योरा क्या है.
(ग) क्या सरकार ने संघों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने के लिए एक समिति गठित की है;
(घ) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्योरा क्या है और इसके क्या परिणाम रहे; और
(ङ) इस मामले में अंतिम निर्णय कब तक लिया जाएगा?
इस प्रश्न के उत्तर में कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा था -
(क) से (ख) : भत्तों संबंधी समिति को विभिन्न कर्मचारी संघों से भत्तों से जुड़े अनेक
अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं. संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र (जेसीएम) ने भी भत्तों सहित विभिन्न लंबित मामलों में यथाशीघ्र समाधान करने का अनुरोध किया है.
(ग) से (ड.) : सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की भत्तों से संबंधित (महंगाई भत्ते को छोड़कर) सिफारिश की समीक्षा के करने के लिए व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा वित्त सचिव और सचिव, व्यय की अध्यक्षता में दिनांक 22.07.2016 को सचिवों की एक समिति का गठन किया गया था.
संसद में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक हुई इस समिति की 13 बैठकों में 21 कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों से बात की है. मंत्री ने संसद में साफ कहा कि जैसे ही रिपोर्ट प्राप्त होगी इस रिपोर्ट के कार्यान्वयन किए जाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा.
शुक्रवार (24-3-2017) को संसद में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बताया कि समिति की रिपोर्ट में देरी का एक अहम कारण यह है कि समिति को लंबे अर्से तक कर्मचारियों से मांगों के संबंध में आवेदन प्राप्त हो रहे हैं. इस वजह से समितियों को इनके अध्ययन में काफी समय लगा है. (सातवां वेतन आयोग : कर्मचारी नेताओं के साथ आज होगी अलाउंस समिति की अहम बैठक)
आइए पढ़ें सांसद द्वारा पूछा गया सवाल और मंत्री द्वारा संसद में दिया गया बयान.
पिछले शुक्रवार को सांसद सीआर पाटिल ने भी संसद में सातवें वेतन आयोग से जुड़ा सवाल पूछा. उनके द्वारा भी यह साफ पूछा गया कि
क्या वित्तमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि
क) क्या सरकार द्वारा सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन पर केंद्रीय सरकार के भत्तों के मुद्दों की जांच पर गठित भत्ता समिति ने अपनी रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की है.
ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्योरा क्या है और विस्तार हेतु सरकार की स्वीकृति के बिना अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विलंब के क्या कारण हैं.
ग) समिति अपने दृष्टिकोण ढुलमुल रवैया न अपनाए और सरकार द्वारा मामले का शीघ्र निपटान करने के लिए क्या कदम उठाए गए/उठाए जा रहे हैं.
घ) सरकार द्वारा उक्त रिपोर्ट की प्राप्ति पर अंतिम निर्णय लेने में लगभग कितना समय लिया जाएगा.
इस प्रश्न के जवाब में वित्तमंत्रालय में राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि
क) से घ) 22 जुलाई 2016 के आदेश के तहत भत्तों संबंधी समिति गठित की गई है. समिति को यह जांच और सिफारिश करनी है कि भत्तों के संबंध में सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश में क्या कोई परिवर्तन अपेक्षित है, और यदि हां, तो किस रूप में. समिति को भत्तों के संबंध में बड़ी संख्या में मांगें प्राप्त हुई हैं और इस संबंध में अभी भी मांगें प्राप्त हो रही हैं. सभी मांगों पर गहराई से अध्ययन किया जा रहा है. समिति की अब तक 13 बैठकें हो चुकी हैं. इसमें समिति ने कई केंद्रीय संघों के प्रतिनिधियों से बात की है. समिति ने बड़ी संख्या में प्राप्त मांगों को देखते हुए शुरू में निर्धारित समय से अपेक्षाकृत अधिक समय लिया है. यह समिति अब अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे रही है. समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दिए जाने के बाद रिपोर्ट के कार्यान्वयन के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
इससे पहले भी 10.3.2017 को सांसद वी. एलुमलाई ने संसद में सातवें वेतन आयोग से जुड़ा यह सवाल पूछा था.
सरकारी कर्मचारियों के भत्ते संबंधी मुद्दे
क्या प्रधानमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि
(क) क्या सरकारी कर्मचारियों के संघों ने 7वें वेतन आयोग द्वारा दी गई सिफारिश पर भत्तों संबंधी लंबित मुद्दों पर शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है.
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्योरा क्या है.
(ग) क्या सरकार ने संघों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने के लिए एक समिति गठित की है;
(घ) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्योरा क्या है और इसके क्या परिणाम रहे; और
(ङ) इस मामले में अंतिम निर्णय कब तक लिया जाएगा?
इस प्रश्न के उत्तर में कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा था -
(क) से (ख) : भत्तों संबंधी समिति को विभिन्न कर्मचारी संघों से भत्तों से जुड़े अनेक
अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं. संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र (जेसीएम) ने भी भत्तों सहित विभिन्न लंबित मामलों में यथाशीघ्र समाधान करने का अनुरोध किया है.
(ग) से (ड.) : सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की भत्तों से संबंधित (महंगाई भत्ते को छोड़कर) सिफारिश की समीक्षा के करने के लिए व्यय विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा वित्त सचिव और सचिव, व्यय की अध्यक्षता में दिनांक 22.07.2016 को सचिवों की एक समिति का गठन किया गया था.
संसद में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक हुई इस समिति की 13 बैठकों में 21 कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों से बात की है. मंत्री ने संसद में साफ कहा कि जैसे ही रिपोर्ट प्राप्त होगी इस रिपोर्ट के कार्यान्वयन किए जाने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा.
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