वर्ष 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA)के तहत देशभर में 796 मामले दर्ज किए गए. इसमें 80 लोगों को दोषी ठहराया गया जबकि 116 को बरी कर दिया गया. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी. गृह राज्यमंत्री की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार UAPA के तहत वर्ष 2016 में 922 केस दर्ज किए गए थे, इसमें से 24 को दोषी ठहराया गया और 19 छूट गए. इसी क्रम में वर्ष 2017 में 901 (39 दोषी ठहराए गए और 42 बरी हुए), वर्ष 2018 में 1182 (35 दोषी ठहराए गए और 117 बरी हुए) और वर्ष 2019 में 1227 केस (34 दोषी ठहराए गए और 116 बरी हुए) केस दर्ज किए गए.
In 2020, 796 cases of Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) were registered across the country. 80 persons were convicted and 116 acquitted: MoS Home Nityanand Rai in a written reply to Rajya Sabha pic.twitter.com/xZH3fSVUlI
— ANI (@ANI) July 20, 2022
गौरतलब है कि जीएसटी और महंगाई के मुद्दे पर आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई. सदस्यों के लगातार हंगामे के बीच उच्च सदन की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान पड़ा और दोपहर दो बजे कार्यवाही को गुरुवार सुबह तक स्थगित कर दिया गया. राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने महंगाई और कई जरूरी खाद्य वस्तुओं को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाए जाने के विरोध में बुधवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया. इन सांसदों ने ने एक बैनर भी ले रखा था जिस पर गैस सिलेंडर की तस्वीर थी और लिखा था ‘‘दाम बढ़ने से आम नागरिकों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, वे कैसे जीवन यापन करेंगे?'' कुछ सांसदों ने अपने हाथों में तख्तियां भी ले रखीं थीं और कुछ छाछ के पैकेट भी लेकर पहुंचे थे.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, तेलंगाना राष्ट्र समिति के नमा नागेश्वर राव एवं के. केशव राव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर और कई अन्य विपक्षी सांसद इस धरने में शामिल हुए.इस दौरान विपक्षी सांसदों ने ‘दूध-दही पर जीएसटी वापस लो' के नारे भी लगाए. विपक्षी दलों ने मंगलवार को भी इसी विषय पर संसद परिसर में धरना दिया था और दोनों सदनों में हंगामा किया था जिस कारण कार्यवाही बाधित हुई थी.
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