नई जगह, नए टारगेट और एक के बाद एक लगातार हमले. आतंकियों का ये पैटर्न नया है. पिछले एक महीने में जम्मू में 6 बड़े हमले हुए हैं. इसमें सेना के साथ-साथ आम लोगों को भी निशाना बनाया गया है. सवाल उठ रहा है कि घाटी छोड़ आतंकी अब जम्मू में क्यों टारगेट कर रहे हैं..? जम्मू क्षेत्र, जो अपने शांतिपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता है, हाल के महीनों में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों की एक सीरीज से दहल गया है. ये हमले सीमावर्ती जिले पुंछ, राजौरी, डोडा और रियासी में हुए हैं.
एक महीना 6 हमले
- 8 जुलाई 2024- जम्मू कश्मीर में कठुआ जिले के माचेडी इलाके में सोमवार को सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किये गए आतंकवादियों के हमले में जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत पांच जवान शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हुए हैं
- 7 जुलाई 2024- राजौरी जिले के मंजाकोट इलाके के गुलाठी गांव में प्रादेशिक सेना के शिविर पर सुबह करीब चार बजे गोलीबारी हुई, जिसमें एक जवान घायल हो गया.
- 26 जून 2024 - डोडा जिले के गंडोह इलाके में सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया. सर्च ऑपरेशन के बाद सुरक्षाबलों की आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी.
- 12 जून 2024- डोडा जिले में 2 आतंकी हमले हुए. इसमें 5 जवान और एसपीओ घायल हो गए थे.
- 11 जून 2024 - कठुआ में आतंकियों से मुठभेड़ में छिंदवाड़ा के कबीरदास उइके शहीद हो गए. सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को भी मार गिराया है.
- 9 जून 2024- जम्मू के शिवखोड़ी में तीर्थयात्रियों की एक बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई.
पिछले कुछ सालों से कश्मीर घाटी में सेना की पकड़ मजबूत हुई है. आतंकी हमलों और सीमापार से होने वाली घुसपेठ में भी काफी कमी आई है. अब कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं नहीं देखने को मिलती हैं. ऐसे में आतंकियों के आकाओं में यकीनन बैचेनी होगी. इसलिए आतंकियों ने नए टारगेट चुने हैं. ऐसा माना जा रहा है कि आतंकी गतिविधियों में हालिया वृद्धि उनके पाकिस्तानी आकाओं द्वारा आतंकवाद को फिर से बढ़ावा देने के प्रयासों का परिणाम है. डोडा जिले के गंदोह इलाके में हाल ही में हुए हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं, जहां 26 जून को मुठभेड़ में तीन विदेशी आतंकवादी मारे गए थे. गोलीबारी की घटना में राजौरी जिले के मंजकोट इलाके में सेना के एक शिविर को निशाना बनाया गया, जिसमें एक सैनिक घायल हो गया था.
सबसे दुखद घटनाओं में से एक नौ जून को हुई, जब आतंकवादियों ने रियासी जिले के शिव खोड़ी मंदिर से तीर्थयात्रियों को ला रही एक बस पर हमला किया, जिसमें नौ लोगों की जान चली गई और 41 घायल हुए. ये घटनाएं क्षेत्र में बढ़ती हिंसा की उस प्रवृत्ति को रेखांकित करती है, जिसमें सुरक्षा बलों के वाहनों, खोज दलों और सैन्य काफिलों पर हमलों में नागरिक और सुरक्षाकर्मी दोनों हताहत हुए हैं.
(भाषा इनपुट के साथ...)
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