हैदराबाद/बेंगलुरू/चेन्नई:
आंध्र प्रदेश विधानसभा की सात, तमिलनाडु विधानसभा की एक और कर्नाटक की एक संसदीय सीट पर उपचुनाव के लिए रविवार को मतदान सम्पन्न हो गया। तीनों राज्यों की नौ सीटों पर औसतन 65 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। मतगणना 21 मार्च को होगी।
आंध्र प्रदेश के पांच जिलों की जिन सात सीटों के लिए मतदान हुआ, उनमें से छह सीटें तेलंगाना क्षेत्र की हैं। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ जो शाम पांच बजे तक चला। मुख्य निर्वाचन अधिकारी भंवरलाल ने कहा कि कुछ स्थानों पर हुई छोटी घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा है। उन्होंने बताया कि लगभग 65 फीसदी मतदान हुआ है।
वारंगल जिले के घानपुर विधानसभा क्षेत्र में पुलिस ने कांग्रेस नेता व सांसद एस. राजैया पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, महबूबनगर जिले की नगरकुरनूल सीट पर पूर्व मंत्री व निर्दलीय उम्मीदवार एन. जनार्दन रेड्डी के समर्थक और सत्ताधारी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की आपस में भिड़ंत हो गई। इस मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कोवुर विधानसभा क्षेत्र के गांव पुरंडापुरम के मतदाताओं ने समस्याओं का समाधान न होने पर मतदान का बहिष्कार किया। इस विधानसभा सीट पर हालांकि सबसे अधिक 80 फीसदी मतदान हुआ। शेष छह विधानसभा क्षेत्रों में 60 से 65 फीसदी मतदान हुआ। शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने 10,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों और मतदानकर्मियों की तैनाती की थी।
पिछले वर्ष छह सदस्यों के इस्तीफे और एक निर्दलीय विधायक के निधन के कारण ये सीटें रिक्त हुई थीं। ये सीटें हैं-आदिलाबाद, कामारेड्डी, कोलापुर, घानपुर स्टेशन, महबूबनगर, नगरकुरनूर और कोवुर।
उपचुनाव में कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि तेलंगाना राष्ट्र समिति ने पांच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने चार, लोकसत्ता ने दो और भारतीय जनता पार्टी ने एक सीट पर उम्मीदवार खड़ा किया है।
कर्नाटक की उडूपी-चिकमंगलूर संसदीय सीट पर 60 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। शुरुआती घंटों में मतदान की रफ्तार बहुत धीमी रही लेकिन जैसे-जैसे दिन ढलता गया, इसमें तेजी आई और अंतत: आंकड़ा 60 फीसदी के पार हुआ।
मतदान आठ बजे आरम्भ हुआ और पहले तीन घंटे में सिर्फ 1.24 फीसदी ही मतदान हो सका था लेकिन दो बजे इसकी रफ्तार 45 फीसदी तक पहुंच गई। सुरक्षा के मद्देनजर 7000 पुलिसकर्मियों को मोर्चे पर लगाया गया था।
राज्य निर्वाचन कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया, "मतदान शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। लगभग 60 फीसदी मतदान हुआ।"
मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने राज्य की कमान सम्भालने के बाद इस संसदीय सीट से अपना इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे से खाली हुई इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने युवा नेता वी. सुनील कुमार को उम्मीदवार बनाया, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री के. जयप्रकाश हेगड़े पर दांव खेला है। जनता दल (सेक्युलर) ने पार्टी की चिकमंगलूर इकाई के अध्यक्ष एसएल भोजेगौड़ा को टिकट दिया।
उधर, तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के शंकरनकोयल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव के तहत लगभग 75 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर 13 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद कर दी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदान प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए अपने कार्यालय के नियंत्रण कक्ष में 10 मॉनिटर लगवाए थे। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के 206,087 मतदाताओं में से लगभग 75 फीसदी ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
इस सीट पर मुख्य रूप से सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईडीएमके), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), देशीय मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम (डीएमडीके), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मारुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के बीच पंचकोणीय मुकाबला है।
आंध्र प्रदेश के पांच जिलों की जिन सात सीटों के लिए मतदान हुआ, उनमें से छह सीटें तेलंगाना क्षेत्र की हैं। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ जो शाम पांच बजे तक चला। मुख्य निर्वाचन अधिकारी भंवरलाल ने कहा कि कुछ स्थानों पर हुई छोटी घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा है। उन्होंने बताया कि लगभग 65 फीसदी मतदान हुआ है।
वारंगल जिले के घानपुर विधानसभा क्षेत्र में पुलिस ने कांग्रेस नेता व सांसद एस. राजैया पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, महबूबनगर जिले की नगरकुरनूल सीट पर पूर्व मंत्री व निर्दलीय उम्मीदवार एन. जनार्दन रेड्डी के समर्थक और सत्ताधारी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की आपस में भिड़ंत हो गई। इस मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कोवुर विधानसभा क्षेत्र के गांव पुरंडापुरम के मतदाताओं ने समस्याओं का समाधान न होने पर मतदान का बहिष्कार किया। इस विधानसभा सीट पर हालांकि सबसे अधिक 80 फीसदी मतदान हुआ। शेष छह विधानसभा क्षेत्रों में 60 से 65 फीसदी मतदान हुआ। शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने 10,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों और मतदानकर्मियों की तैनाती की थी।
पिछले वर्ष छह सदस्यों के इस्तीफे और एक निर्दलीय विधायक के निधन के कारण ये सीटें रिक्त हुई थीं। ये सीटें हैं-आदिलाबाद, कामारेड्डी, कोलापुर, घानपुर स्टेशन, महबूबनगर, नगरकुरनूर और कोवुर।
उपचुनाव में कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि तेलंगाना राष्ट्र समिति ने पांच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने चार, लोकसत्ता ने दो और भारतीय जनता पार्टी ने एक सीट पर उम्मीदवार खड़ा किया है।
कर्नाटक की उडूपी-चिकमंगलूर संसदीय सीट पर 60 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। शुरुआती घंटों में मतदान की रफ्तार बहुत धीमी रही लेकिन जैसे-जैसे दिन ढलता गया, इसमें तेजी आई और अंतत: आंकड़ा 60 फीसदी के पार हुआ।
मतदान आठ बजे आरम्भ हुआ और पहले तीन घंटे में सिर्फ 1.24 फीसदी ही मतदान हो सका था लेकिन दो बजे इसकी रफ्तार 45 फीसदी तक पहुंच गई। सुरक्षा के मद्देनजर 7000 पुलिसकर्मियों को मोर्चे पर लगाया गया था।
राज्य निर्वाचन कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया, "मतदान शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। लगभग 60 फीसदी मतदान हुआ।"
मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने राज्य की कमान सम्भालने के बाद इस संसदीय सीट से अपना इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे से खाली हुई इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने युवा नेता वी. सुनील कुमार को उम्मीदवार बनाया, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री के. जयप्रकाश हेगड़े पर दांव खेला है। जनता दल (सेक्युलर) ने पार्टी की चिकमंगलूर इकाई के अध्यक्ष एसएल भोजेगौड़ा को टिकट दिया।
उधर, तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के शंकरनकोयल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव के तहत लगभग 75 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर 13 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बंद कर दी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदान प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए अपने कार्यालय के नियंत्रण कक्ष में 10 मॉनिटर लगवाए थे। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के 206,087 मतदाताओं में से लगभग 75 फीसदी ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।
इस सीट पर मुख्य रूप से सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईडीएमके), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), देशीय मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम (डीएमडीके), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मारुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के बीच पंचकोणीय मुकाबला है।
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