
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
देश में जारी राजनीतिक उथलपुथल के बीच अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. अच्छी खबर यह है कि इसमें जानमाल के किसी भी नुकसान की खबर फिलहाल नहीं है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.9 मापी गई. भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया, "भूकंप के झटके सुबह 8.21 बजे महसूस किए गए." बहरहाल, यह भूकंप इतना तेज नहीं था कि सुनामी की चेतावनी जारी की जाए.
आईएमडी के अनुसार, भूकंप मध्यम तीव्रता का था. यह निकोबार द्वीप समूह में 6.4 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 92.2 डिग्री पूर्वी देशांतर में महसूस किया गया.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की इकाई ‘नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी’ के अनुसार, सुबह आठ बज कर करीब 21 मिनट पर निकोबार द्वीपसमूह क्षेत्र में आए भूकंप का केंद्र 10 किमी की गहराई पर था. बहरहाल, यह भूकंप इतना तेज नहीं था कि सुनामी की चेतावनी जारी की जाए. भारत के पास एक समर्पित सुनामी चेतावनी केंद्र है जो भूकंप आने पर राज्यों और समीपवर्ती देशों को सुनामी के संबंध में अलर्ट जारी करता है.
भूकंप से जानमाल के नुकसान की तत्काल सूचना नहीं है. सुबह पांच बज कर करीब 48 मिनट पर जम्मू कश्मीर के कठुआ में भूकंप आया था जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 आंकी गई थी.
इससे पहले इसी महीने 4 मार्च को मणिपुर के चंदेल में सुबह 05:08 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 3.5 आंकी गई थी. इन झटकों से किसी भी तरह के जान माल का नुकसान नहीं हुआ था. मणिपुर से दो दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. स्थानीय मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बाताय था कि यह झटके रात 1.39 बजे आए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.8 रही. भूकंप का केंद्र चंबा क्षेत्र था, जो जम्मू एवं कश्मीर की सीमा से लगा हुआ है. एक महीने से भी कम अवधि में यह चंबा में आया दूसरा भूकंप था. गौरतलब है कि इससे पहले चार फरवरी को भूकंप के झटके दर्ज किए गए थे.
इससे पूर्व जम्मू एवं कश्मीर में फरवरी में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. हालांकि भूकंप के कारण किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था. भूकंप के झटके शाम करीब 7.12 बजे महसूस किए गए थे, जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.4 मापी गई. इसका केंद्र ताजीकिस्तान में था.
(इनपुट भाषा से भी)
आईएमडी के अनुसार, भूकंप मध्यम तीव्रता का था. यह निकोबार द्वीप समूह में 6.4 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 92.2 डिग्री पूर्वी देशांतर में महसूस किया गया.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की इकाई ‘नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी’ के अनुसार, सुबह आठ बज कर करीब 21 मिनट पर निकोबार द्वीपसमूह क्षेत्र में आए भूकंप का केंद्र 10 किमी की गहराई पर था. बहरहाल, यह भूकंप इतना तेज नहीं था कि सुनामी की चेतावनी जारी की जाए. भारत के पास एक समर्पित सुनामी चेतावनी केंद्र है जो भूकंप आने पर राज्यों और समीपवर्ती देशों को सुनामी के संबंध में अलर्ट जारी करता है.
भूकंप से जानमाल के नुकसान की तत्काल सूचना नहीं है. सुबह पांच बज कर करीब 48 मिनट पर जम्मू कश्मीर के कठुआ में भूकंप आया था जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 आंकी गई थी.
इससे पहले इसी महीने 4 मार्च को मणिपुर के चंदेल में सुबह 05:08 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 3.5 आंकी गई थी. इन झटकों से किसी भी तरह के जान माल का नुकसान नहीं हुआ था. मणिपुर से दो दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. स्थानीय मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बाताय था कि यह झटके रात 1.39 बजे आए. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.8 रही. भूकंप का केंद्र चंबा क्षेत्र था, जो जम्मू एवं कश्मीर की सीमा से लगा हुआ है. एक महीने से भी कम अवधि में यह चंबा में आया दूसरा भूकंप था. गौरतलब है कि इससे पहले चार फरवरी को भूकंप के झटके दर्ज किए गए थे.
इससे पूर्व जम्मू एवं कश्मीर में फरवरी में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. हालांकि भूकंप के कारण किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था. भूकंप के झटके शाम करीब 7.12 बजे महसूस किए गए थे, जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.4 मापी गई. इसका केंद्र ताजीकिस्तान में था.
(इनपुट भाषा से भी)
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