दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार को संपन्न हो गया. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के सभी चार पदों के नतीजे शनिवार को घोषित किए जाएंगे. मुख्य चुनाव अधिकारी प्रोफेसर चंद्रशेखर ने मतदान के 42 प्रतिशत रहने की घोषणा की है. 2019 में हुए आखिरी डूसू चुनाव में मतदान प्रतिशत 39.90 रहा था, जबकि 2018 और 2017 में मतदान प्रतिशत क्रमश 44.46 और 42.8 फीसदी रहा था.
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की दिन की पाली के छात्रों के लिए मतदान प्रक्रिया दोपहर एक बजे संपन्न हुई, वहीं शाम की पाली के छात्रों ने रात साढ़े सात बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने मतदान के दौरान मतदान केंद्रों का औचक निरीक्षण किया. सिंह ने मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और चुनाव अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली.सिंह ने हंसराज कॉलेज और हिंदू कॉलेज में मतदान केंद्रों का दौरा किया और वहां मौजूद छात्रों से बातचीत भी की.
डूसू चुनाव में 24 उम्मीदवार मैदान में हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) से संबद्ध भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने सभी चार पदों के लिए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है.
एबीवीपी ने 2019 डूसू चुनाव में चार पदों में से तीन पर जीत दर्ज की थी.
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