तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि का सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर देश भर में घमासान मचा हुआ है. राजनीतिक पार्टियां उनके इस बयान पर सिर्फ डीएमके ही नहीं बल्कि कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया है. अब इस मामले में पूर्व जजों और नौकरशाहों ने सुप्रीम कोर्ट को लिखा पत्र लिखा है. जिन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट को को इस मामले को लेकर पत्र लिखा है उनमे 14 पूर्व जज भी शामिल हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट को 262 लोगों ने अपना हस्ताक्षर किया पत्र भेजा है. पत्र भेजने वालों में 130 रिटायर्ड नौकरशाह और 118 पूर्व सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं. इस पत्र में कहा गया है कि इस बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करे.
गौरतलब है कि बीजेपी इस बयान को लेकर जहां सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि और विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया पर हमलावर है, वहीं इंडिया गठबंधन में भी इस बयान पर सहमति नहीं बन पाई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मसले पर कहा है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश है. वो सनातन धर्म का सम्मान करती हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि हर धर्म का आदर करना चाहिए. वहीं सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि किसी भी धर्म पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है. कल ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भी कहा था कि ये उदयनिधि के निजी विचार हैं. तो अब कई दल उदयनिधि के बयान से किनारा करते नज़र आ रहे हैं.
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