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This Article is From Aug 09, 2022

'देश में 24 स्मारकों और स्थलों का नहीं चल रहा है पता' : सरकार ने संसद में कहा

8,478 गांवों में से, पंजाब में सबसे अधिक 1,459 गांवों का सर्वेक्षण किया गया. उसके बाद कर्नाटक में 933 और इन दोनों राज्यों में क्रमशः 130 और 806 गांवों में पुरातात्त्विक अवशेष पाए गए.

'देश में 24 स्मारकों और स्थलों का नहीं चल रहा है पता' : सरकार ने संसद में कहा
नई दिल्ली:

संसद को सोमवार को सूचित किया गया कि देश में चौबीस स्मारक और स्थल का पता नहीं हैं. केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि "अनुमान है कि स्वतंत्रता के बाद से 19 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित केंद्र-संरक्षित स्मारकों/स्थलों से 210 चोरी की सूचना मिली है, जिसमें 486 वस्तुएं शामिल हैं." उन्होंने कहा कि चोरी की वस्तुओं की बरामदगी एक सतत प्रक्रिया है और अब तक 91 वस्तुएं बरामद की जा चुकी हैं.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पिछले आठ वर्षों में 8,478 गांवों का सर्वेक्षण किया है और उनमें से 2,914 में पुरातात्त्विक अवशेष पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि एएसआई "पुराने अवशेषों का पता लगाने और रिकॉर्ड करने के लिए नियमित रूप से गांव-गांव सर्वेक्षण करता है."

भारत में एएसआई द्वारा संरक्षित कुल 3,693 विरासत स्थल हैं, जिनमें से 743 उत्तर प्रदेश में हैं, जो एक राज्य में सबसे ज्यादा है. देश में लापता स्मारकों की संख्या के बारे में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा, "24 स्मारकों/स्थलों का पता नहीं चल पाया है."

मंत्री ने 2014-15 से 2021-22 की अवधि के दौरान एएसआई द्वारा किए गए गांव-गांव सर्वेक्षण के बारे में राज्यवार विवरण भी साझा किया. एएसआई ने इस अवधि में 8,478 गांवों का सर्वेक्षण किया और इनमें से 2,914 गांवों में पुरातात्त्विक अवशेष पाए गए हैं, जैसा कि साझा आंकड़ों के अनुसार है.

8,478 गांवों में से, पंजाब में सबसे अधिक 1,459 गांवों का सर्वेक्षण किया गया. उसके बाद कर्नाटक में 933 और इन दोनों राज्यों में क्रमशः 130 और 806 गांवों में पुरातात्त्विक अवशेष पाए गए.

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, रेड्डी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों (2017-2021) के दौरान 3152 गांवों का सर्वेक्षण किया गया था, जिनमें से 905 गांवों में पुरातात्त्विक अवशेषों की सूचना मिली थी.

रेड्डी ने कहा कि एएसआई उत्तर प्रदेश में 144 मंदिरों सहित 743 स्मारकों के संरक्षण कार्य करता है. स्मारकों का संरक्षण एक सतत प्रक्रिया है. उन्होंने कहा कि एएसआई द्वारा साइट की आवश्यकता और उपलब्ध संसाधनों के अनुसार काम किया जाता है. इसके अलावा, 1,224 स्मारकों में सांस्कृतिक नोटिस बोर्ड हैं.

देश में टिकट वाले और बिना टिकट वाले एएसआई स्मारकों की कुल संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, देश में प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष (एएमएएसआर) अधिनियम, 1958 के तहत 3,693 स्मारक, स्थल राष्ट्रीय महत्व के घोषित किए गए हैं. जिसमें से 143 स्थानों पर प्रवेश शुल्क लिया जाता है.

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, प्रवेश शुल्क के उद्देश्य से स्मारकों को दो समूहों में विभाजित किया गया है. समूह 'ए'- विश्व विरासत सूची में अंकित स्मारक, समूह 'बी'- अन्य. उन्होंने कहा कि श्रेणी 'ए' में 20 प्रविष्टियां हैं और शेष 123 श्रेणी 'बी' के अंतर्गत हैं.

एक अलग सवाल पर कि क्या "यह सच है कि सरकार भारत के जनसंख्या समूहों के डीएनए (आनुवंशिक) प्रोफाइल में आनुवंशिक समानता और अंतर का अध्ययन करने के लिए एक परियोजना को निधि देने पर विचार कर रही है," मंत्री ने उत्तर दिया, "नहीं".

उन्होंने कहा, "संस्कृति मंत्रालय द्वारा 'नस्लीय शुद्धता' पर एक अध्ययन करने की कुछ अस्पष्ट रिपोर्ट कुछ प्रिंट मीडिया में छपी, जिसका तुरंत खंडन किया गया. उन्होंने कहा कि इस विषय पर एक संयुक्त प्रतिनिधित्व भी प्राप्त हुआ था." 

रेड्डी ने कहा, अब तक पूरे भारत में केंद्रीय मंत्रालयों या राज्य सरकारों द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत लगभग 60,000 कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं.
 

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