मुंबई:
स्पेशल टाडा कोर्ट आज (शुक्रवार) 1993 के मुंबई धमाकों के दूसरे चरण के मुकदमे का फैसला सुनाते हुए अबु सलेम समेत 6 को दोषी करार दिया है और एक को बरी किया है. गैंगस्टर अबु सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था. पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संधि होने के कारण कोर्ट सलेम को फांसी या आजीवन कारावास की सजा नहीं दे सकती है. उसे अधिकतम 25 साल तक की सजा दी जा सकती है. इसलिए अभी फांसी की सजा पर सवालिया निशान लगा है. अबु सलेम के साथ मुस्तफा दौसा, करीमुल्ला खान, फिरोज अब्दुल रशीद खान, रियाज सिद्दीकी, ताहिर मर्चेंट को दोषी करार दिया गया है और अब्दुल कयूम को बरी किया गया है. इन धमाकों में 257 लोग मारे गए थे. 713 गंभीर रूप से घायल हुए थे.
दौसा को टाडा अधिनियम, हथियार कानून और विस्फोटक कानून के तहत अपराधों के अलावा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत साजिश और हत्या के आरोपों पर दोषी ठहराया गया जबकि सलेम को धमाकों के लिए हथियारों को गुजरात से मुंबई लाने का दोषी पाया गया.
वर्ष 2007 में पूरी हुए सुनवाई के पहले चरण में टाडा अदालत ने इस मामले में सौ आरोपियों को दोषी ठहराया था जबकि 23 लोग बरी हुए थे. अबु सलेम पर गुजरात से मुंबई हथियार ले जाने का आरोप है. (अबु सलेम ने कोर्ट में कहा था, जिसके साथ नाम जोड़ा गया उससे करूंगा शादी)
सलेम ने अवैध रूप से हथियार रखने के आरोपी अभिनेता संजय दत्त को एके 56 राइफलें, 250 कारतूस और कुछ हथगोले 16 जनवरी 1993 को उनके आवास पर उन्हें सौंपे थे. दो दिन बाद 18 जनवरी 1993 को सलेम तथा दो अन्य दत्त के घर गये और वहां से दो राइफलें तथा कुछ गोलियां लेकर वापस आए थे.
क्या है मामला
भाग गए थे ये दो आरोपी, अब गिरफ्त में, जानें क्या हैं आरोप
मुस्तफ़ा अहमद दौसा
(दुबई से भारत डिपोर्ट)
अबु सलेम अब्दुल क़य्यूम अंसारी
(पुर्तगाल से प्रत्यापित)
दौसा को टाडा अधिनियम, हथियार कानून और विस्फोटक कानून के तहत अपराधों के अलावा आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत साजिश और हत्या के आरोपों पर दोषी ठहराया गया जबकि सलेम को धमाकों के लिए हथियारों को गुजरात से मुंबई लाने का दोषी पाया गया.
वर्ष 2007 में पूरी हुए सुनवाई के पहले चरण में टाडा अदालत ने इस मामले में सौ आरोपियों को दोषी ठहराया था जबकि 23 लोग बरी हुए थे. अबु सलेम पर गुजरात से मुंबई हथियार ले जाने का आरोप है. (अबु सलेम ने कोर्ट में कहा था, जिसके साथ नाम जोड़ा गया उससे करूंगा शादी)
सलेम ने अवैध रूप से हथियार रखने के आरोपी अभिनेता संजय दत्त को एके 56 राइफलें, 250 कारतूस और कुछ हथगोले 16 जनवरी 1993 को उनके आवास पर उन्हें सौंपे थे. दो दिन बाद 18 जनवरी 1993 को सलेम तथा दो अन्य दत्त के घर गये और वहां से दो राइफलें तथा कुछ गोलियां लेकर वापस आए थे.
क्या है मामला
- 12 मार्च 1993 को 12 बम धमाके
- 257 की मौत, 700 से ज़्यादा ज़ख़्मी
- अबु सलेम, मुस्तफ़ा डोसा समेत 7 आरोपी
- पुर्तगाल से डिपोर्ट कर लाया गया है सलेम
- विस्फोटक लाने, साज़िश, मदद का आरोप
- 100 आरोपी पहले ही दोषी क़रार
- 100 में से 12 को फांसी की सज़ा
- याक़ूब मेमन को फांसी हो चुकी है
- 2012 से चल रहा है केस
- अब तक 64 नए गवाह पेश हुए
- कुल गवाहों की संख्या 686
- दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन समेत 33 अब भी फ़रार
भाग गए थे ये दो आरोपी, अब गिरफ्त में, जानें क्या हैं आरोप
मुस्तफ़ा अहमद दौसा
(दुबई से भारत डिपोर्ट)
- बम धमाकों की साज़िश का हिस्सा
- हथियारों का ज़ख़ीरा भारत भेजा
- आरोपियों के दुबई भागने का ख़र्च दिया
- आतंकी ट्रेनिंग के लिए लोगों को पाकिस्तान भेजा
- बचे विस्फ़ोटकों को नष्ट करने का आदेश दिया
अबु सलेम अब्दुल क़य्यूम अंसारी
(पुर्तगाल से प्रत्यापित)
- हथियारों का ज़ख़ीरा लाने भरूच गया
- संजय दत्त को हथियार दिया
- बाकी के हथियार छुपा कर रखे
- पूछताछ में रियाज सिद्दीक़ी, करीम शेख की जानकारी मिली
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